OMG!! इस सीरियल किलर का सिर 150 सालों से रखा है प्रिज़र्व

प्राचीन समय के बारे में आपने पढ़ा होगा कि शवों को कई सालों तक संभाल कर रखा जाता था, मिस्र में शवों को प्रिजर्व करके ममीज के रूप में रखा जाता था। ऐसी ही कहानी है एक सीरियल किलर की जिसके सर को 150 सालों से भी ज्यादा समय से प्रिजर्व किया जा रहा हैं। इस सीरियल किलर का नाम था 'डिओगो ऐल्वेस' जिसे कि उस समय खूंखार माना गया था। तो आइये जानते हैं इस सीरियल किलर की पूरी कहानी के बारे में।

डिओगो का जन्म 1810 में स्पेन के गैलेसिया में हुआ था। वह जवानी के दिनों में काम के तलाश के लिए पुर्तगाल की लिस्बन सिटी आया था। डिओगो ने काफी समय तक काम की तलाश की, लेकिन नाकामयाब रहा। इसके चलते उसने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया।

सब्जिया बेचकर अपने गावं लौटा डिओगो ऐल्वेस ने लूट पाट का रास्ता अपनाया जिसके आसान शिकार किसान हुआ करते थे इसके लिए डिओगो ऐल्वेस ने लिस्बन में नदी पर बने एक पुल को चुना जिस पर से शाम के बाद अक्सर किसान अनाज और सब्जिया बेचकर अपने गावं लौटा करते थे डिओगो ऐल्वेस जैसे ही किसी अकेले किसान को देखता तो लूट के उसका मर्डर कर देता था और लाश को पुल से नदी में फेक देता था।

डिओगो ने ऐसे दर्जनों किसानों को मौत के घाट उतारा। जब पुलिस के पास गायब हो रहे किसानों की खबर पहुंची तो उन्हें लगा कि आर्थिक तंगी के कारण किसान सुसाइड कर रहे हैं। हालांकि, नदी से कुछ ऐसे शव मिले, जिनके शरीर पर धारदार हथियारों के निशान थे। इससे पुलिस को शक हो गया कि किसानों का मर्डर किया जा रहा है।

डिओगो ऐल्वेस समझ गया की अगर वह अकेले रहा था बड़ी लूट नहीं कर पायेगा और पकड़ा जायेगा इसी के चलते उसने ऐसे लोगो को तलाशना शुरू किया जो बेहद गरीब थे ऐसा करके उसने अपना एक गैंग बना ली और लोगो को मारना शुरू कर दिया इसके लिए उसने काफी मात्रा हथियार भी खरीद लिए थे जिससे वह पुलिस का सामना भी कर सकता था। को डिओगो की गैंग के बारे में पता चल गया था, लेकिन वह अपनी गैंग के साथ दिन में अक्सर जंगल में छिपा रहता था। इसलिए पुलिस को उसकी लोकेशन का पता नहीं चल रहा था।

डिओगो ने अपनी गैंग के साथ लिस्बन के एक डॉक्टर के घर में धावा बोला। लूट के बाद उसने डॉक्टर का भी बेरहमी से कत्ल कर दिया और फरार हो गया। पुलिस को तुरंत ही इस घटना की जानकारी मिल गई और इस तरह पुलिस को शक हो गया कि डिओगो आसपास ही कहीं छिपा हुआ है। आखिरकार कुछ दिनों बाद ही डिओगो पुलिस की गिरफ्त में आ गया और उसे 70 से अधिक व्यक्तियों की क्रूर हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई।

जब फांसी दी गई, तब पुर्तगाल में फ्रेनोलॉजी (मस्तिष्क विज्ञान) एक पापुलर सब्जेक्ट था। फ्रेनोलॉजी यानी की मस्तिष्क की उन कोशिकाओं की जांच करना, जिनसे इंसान के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता था। इसके लिए साइंटिस्ट को इंसानी सिरों की तलाश रहती थी। इसी के चलते पुर्तगाल के साइंटिस्ट ने कोर्ट से डिओगो का सिर लेने की अपील की।इस तरह फांसी के बाद डिओगो का सिर काटकर प्रिजर्व कर दिया गया। हालांकि, उस दौरान साइंटिस्ट ने डिओगो के मस्तिष्क की जांच की, लेकिन वे उन कोशिकाओं की पहचान नहीं कर सके, जिससे डिओगो के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सके। इसके चलते डिओगा का सिर हमेशा के लिए प्रिजर्व कर दिया गया, जो अब भी लिस्बन की यूनिवर्सिटी में रखा हुआ है।