आपको 'मन्ना डे' का वह गीत तो याद ही होगा "एक चतुरनार बड़ी होशियार" जिसमें उनके साथ किशोर कुमार ने भी यह गीत गाया था। इस गाने से जुड़ा भी एक रोचक किस्सा हैं जो किशोर कुमार के साथ हुआ और इसमें 'किशोर दा' ने 'मन्ना डे' को हरा दिया। अब यह कैसे हुआ आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जन्मदिन के इस ख़ास मौके पर। तो आइये जानते हैं इस किस्से के बारे में।
फिल्म पड़ोसन का यह गाना पर्दे पर किशोर कुमार, सुनील दत्त और महमूद पर फिल्माया गया है। किशोर-सुनील तथा महमूद आमने-सामने खिड़कियों में बैठे एक-दूसरे से गाने का मुकाबला करते हैं। गाते किशोर हैं, महमूद को लगता है कि सुनील दत्त गा रहे हैं। गाने के अंत में पर्दे पर महमूद की हार होती है।
इस गाने में महमूद की आवाज मन्ना डे थे। जबकि किशोर खुद सुनील दत्त और अपने हिस्से का गाना गा रहे थे। वर्षों तक फिल्मी दुनिया में इस बात को लेकर चर्चाएं रही कि इस गाने में किशोर के हाथों मिली हार से मन्ना डे लंबे समय तक दुखी रहे।
लेकिन बाद में जब उनसे एक इंटरव्यू में इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह बकवास है। मन्ना डे ने किशोर को हमेशा अपनी पीढ़ी (रफी, मुकेश, किशोर और हमंत) में सबसे प्रतिभावान माना क्योंकि उन्होंने संगीत की बिना कोई व्यवस्थित शिक्षा लिए ऊंचाइयां छुई थीं।
एक चतुरनार बड़ी होशियार में किशोर कुमार की जीत की सच्चाई यह थी कि जब संगीतकार आरडी बर्मन किशोर को ने इस गाने के बारे में बताया था तो उन्होंने कहा था कि मन्ना दा को मैं शास्त्रीय गाने में कैसे हरा पाऊंगा?
इस पर पंचम दा ने मन्ना डे बात की और दोनों इस बात पर सहमत हुए कि मन्ना डे अपने शास्त्रीय पक्ष को टोन डाउन करके गीत गाएंगे और गाने के अंत में उनकी हार होगी। तो इस तरह जीते किशोर कुमार!