26 साल: 109 फिल्में, 80% सफल, भोजपुरी सिनेमा का प्रथम सुपरस्टार

हाल ही में प्रदर्शित हुई सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी प्रस्तुत और दीपक शिवदासानी निर्देशित हिन्दी फिल्म 'जूली' में एक बार फिर से अभिनेता रवि किशन को देखने का मौका मिला। वर्ष 1992 में हिन्दी फिल्म 'पीताम्बर' से अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले रवि किशन की संभवत: यह 110वीं फिल्म है, जिसमें उन्होंने अभिनय किया है।

अपने 26 साल के फिल्म करियर में इस आंकडे को छूने वाले वे भोजपुरी सिनेमा के पहले सुपर स्टार हैं, जिनकी सफलता ने भोजपुरी सिनेमा को नया जीवनदान दिया है। हालांकि रवि किशन ने भोजपुरी से ज्यादा हिन्दी सिनेमा में काम किया है लेकिन सफलता उन्हें भोजपुरी सिनेमा में मिली। इसके अतिरिक्त उन्होंने तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया है। इन भाषाओं की फिल्मों में वे खलनायक के तौर पर नजर आने लगे हैं। दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी रवि किशन की माँग धीरे-धीरे बढऩे लगी है। रवि किशन इन दिनों तमिल तेलुगु फिल्मों के सुपर सितारों अल्लू अर्जुन, रामचरण तेजा, विजय इत्यादि के साथ काम करने में व्यस्त हैं।

रवि किशन ने टीवी जगत में बतौर होस्ट काम करने के साथ ही रियलिटी शोज में भी भाग लिया है। उन्होंने वर्ष 2006 में कलर्स चैनल पर प्रसारित हुए 'बिग बॉस' में भी भाग लिया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2012 में डांस रियलिटी शो झलक दिखला जा में भी भाग लिया, जहाँ उन्होंने अपनी नृत्य प्रतिभा को दर्शकों के सामने उजागर किया। रवि किशन ने इसी वर्ष से कन्नड़ फिल्मों में भी काम करना शुरू किया। उनकी पहली कन्नड़ फिल्म में अभिनेता विक्रम ने नायक की भूमिका अभिनीत की है।

फिल्म और टीवी की दुनिया के साथ-साथ रवि किशन राजनीति में भी सक्रिय हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामकर अपने जन्म स्थान जौनपुर से सांसद का चुनाव लड़ा जिसमें वे असफल हुए। उन्हें मात्र 42,759 मत मिले अर्थात् कुल मतदाताओं का 4.25 प्रतिशत। इस वर्ष उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोडक़र भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। भोजपुरी सिनेमा के सुप्रसिद्ध गायक मनोज तिवारी, जो वर्तमान दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने उन्हें भाजपा में शामिल करवाया है। रवि किशन को उम्मीद है कि वे वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनावों में भाजपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लडऩे में कामयाब होंगे।