मलयालम अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर Priya Prakash Varrier को सुप्रीम कोर्ट Supreme Court से बड़ी राहत मिली है। अपने आंख मारने वाले वीडियो से चर्चा में आईं प्रिया के खिलाफ हैदराबाद और मुंबई में एक एफआईआर दर्ज थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में प्रिया प्रकाश और उनकी डेब्यू फिल्म 'ओरू अदार लव' (Oru Adaar Love)' से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआइआर न दर्ज की जाएं।
मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण ने कहा कि किसी सूफी गीत पर फिल्माए गए एक गाने के दौरान आंख मारने से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की धार्मिक आस्थाएं कैसे आहत हो सकती हैं। आंख मारने के पीछे, कोई गलत भावना नहीं : कोर्ट
कोर्ट ने दोनों एफआइआर को खारिज करते हुए कहा कि सूफी गाने में आंख मारने के पीछे प्रिया प्रकाश वारियर की कोई गलत भावना नहीं थी और उनका ऐसा करने के पीछे किसी की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था। ऐसे में उन्हें आइपीसी की धारा 295-ए के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता है।
बता दें कि 18 साल की प्रिया प्रकाश वारियर की डेब्यू फिल्म 'ओरु अदार लव' के एक गाने के दौरान आंख मारने की अदा से रातों रात सोशल मीडिया सेंसेशन बन गयी थी। उनकी वीडियो क्लिप को करोड़ों लोगों ने देखा और शेयर किया था। हालांकि इस फिल्म के गाने 'माणिक्य मलराय पूवी' पर कुछ लोगों ने एतराज जताया था। इस सिलसिले में प्रिया और उनकी फिल्म के डायरेक्टर ओमर लुलू पर तेलंगाना के फलकनुमा और मुंबई में कई केस दर्ज किए गए थे। कुछ लोगों ने गाने से मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचने का आरोप लगाया था।