कुमारस्वामी की वितरकों से अपील, 'इस तरह के माहौल में फिल्म काला रिलीज नहीं करें'

कर्नाटक में फिल्म 'काला' पर लगे बैन को लेकर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि कर्नाटक के मुखिया के रुप में मैने हाईकोर्ट के निर्देश का पालन किया है, यह मेरी जिम्मेदारी है। लेकिन कर्नाटकवासी होने के नाते वितरकों से अपील करते हैं कि 'इस तरह के माहौल में' रजनीकांत की फिल्म 'काला' रिलीज नहीं करें। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'राज्य सरकार के रूप में मुझे उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करना होगा और इसका ध्यान रखूंगा। यह मेरी जिम्मेदारी भी है। हमें उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करना होगा।' कुमारस्वामी ने कहा, 'एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर एक कर्नाटकवासी के तौर पर मैं इस फिल्म के प्रोड्यूसर और वितरक से इस माहौल में फिल्म रिलीज नहीं करने का आग्रह करता हूं।'

बता दें कि कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) की ओर से राज्य के हित में सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'काला' के रिलीज पर बैन लगा दिया गया है। जिस फैसले को गलत बताते हुए फिल्म के सपॉर्ट में विशाल और प्रकाश राज जैसे फिल्म अभिनेता खुलकर बोलते नजर आए हैं।

फिल्म पर बैन को लेकर प्रकाश राज ने एक ट्वीट में कहा कि कावेरी समस्या का फिल्म से क्या लेना-देना है? हमेशा ऐसे मामलों में फिल्मों को क्यों टारगेट किया जाता है? क्या जेडीएस और कांग्रेस लोगों को कानून अपने हाथ में लेने देंगे... जैसा बीजेपी ने पद्मावत के साथ किया या फिर वे आम लोगों को आश्वस्त करेंगे और उन्हें उनका चुनने का अधिकार देंगे।

वहीं रजनीकांत ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मैं नहीं जानता कि फिल्म को बैन करने के पीछे क्या वजह है। कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स साउथ इंडियन फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स का हिस्सा है और मुझे लगता है कि वे इसमें दखल देंगे और एक बेहतर हल के साथ सामने आएंगे।'

ये है मामला

- बता दें कि कुछ दिन पहले फिल्म अभिनेता रजनीकांत ने कावेरी जल विवाद पर एक बयान दिया था।
- उन्होंने कहा था कि कावेरी नदी से तमिलनाडु को मिलने वाली पानी की मात्रा को कम करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराशाजनक है।
- राज्य सरकार को समीक्षा याचिका दायर करनी चाहिए। इसके बाद कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य में फिल्म को बैन कर दिया है।
- 10 समूहों ने कन्नड़ फिल्म काउंसिल से फिल्म को बैन करने की मांग की क्योंकि वे कावेरी मामले में रजनीकांत के बयानों से असंतुष्ट थे।