आज वूमेंस डे है यह एक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, जो हर देश में मनाया जाता है। वूमेस डे 2018 के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर महिलाओं के जज्बे को सैल्यूट किया है तो दुनिया भर में कई तरह के आयोजन भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन बुधवार को मुंबई में हुआ, जिसमें तेजाब पीडित महिलाओं ने भाग लिया था। यह कोइ सामान्य आयोजन नहीं बल्की एक फैशन शो था।
एसिड अटैक की शिकार महिलाओं ने विवियाना मॉल के एक्स्ट्रा ऑर्डिनारी,। इवेंट में हुए फैशन शो में अपना जलवा दिखाया, एसिड सरवाइवर्स ऐंड विमेन वेलफेयर फउंडेशन के एनजीओ की एसिड अटैक की शिकार महिलाओं ने पूरे आत्मविश्वास एवं स्टाइल के साथ रैंप पर ही बल्कि उनके जुझारूपन ने कार्यक्रम में मौजूद हर किसी का दिल छू लिया शराबी पति, एकतरफा प्रेमी और सास-ससुर द्वारा एसिड फेंकने की कहानियों ने सभी के दिलों में गहरा असर कर गई। दिलचस्प बात यह थी कि उन सभी महिलाओं ने अपनी लडाई खुद लडी है और दिखाया है कि जिंदगी खूबसूरत है।
वे अपनी जिंदगी को ढर्रे पर लाने की कोशिश कर रही हैं जिसके लिए वे कई कोर्स कर रही हैं। नौकरियां पा रही हैं और अपने कॅरियर को चमकाने का इरादा रखती हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन एसिड अटैक की शिकार एवं इससे लडकर बचने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किया गया था। जिन्हें अकसर समाज द्वारा नजरंदाज कर दिया जाता है, विवियाना मॉल की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-मार्केटिंग बताती हैं, हम हर साल महिलाओं के जीवन को छूने वाले किसी विशिष्ट पहलू के प्रति जागरूकता पैदा करने की कोशिश करते हैं और जागरूकता पैदा करती हैं। ताकि कामयाबी की ओर जा सकने वाले रास्ते बनाये जा सके। साल में हम उस साहस और जुझारूपन को देखकर मोहित थे, जिसे हमारे देश के विभिन्न हिस्सों से जुडी तेजाब की शिकार इन महिलाओं ने दिखाया। भारत में एसिड अटैक की शिकार कुल पंजीकृत महिलाओं की गिनती 350 से अधिक है, सबने अपने अनुभव साझा किये और बताया की तेजाब दुर्घना की शिकार एवं इससे बच जाने वाली महिला के रूप में सब कुछ शून्य से शुरू करना एक चुनौती थी और है जब आपके शरीर का कोई हिस्सा अब भी भीतर से जल रहा हो, तो किसी भी चीज पर ध्यान एकाग्र करना मुश्किल होता है, ये दाग हमारे समाज की संकीर्ण सोच की याद दिलाते हैं, लेकिन उममीद है कि एक किरण है जो हमें हर रोज प्रेरित करती रहती है।