आइये मिलतें है चलते-फिरते जिन्दा भूतों से जिनका छुना देता है मौत को बुलावा

क्या आपने कभी जिन्दा भूत को देखा या उसके बारे में सुना हैं। अगर नहीं तो आज हम बताते हैं आपको चलते-फिरते जिन्दा भूत के बारे में जिसके बारे में मान जाता है कि अगर वो किसी को छू भी ले तो उसकी मौत हो जाती हैं। ये भूत होते हैं इगुनगुन नाम की एक रहस्यमयी सोसाइटी के। आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी के बारे में।

पश्चिमी आफ्रीका में बेनिन नाम का एक छोटा सा देश है। यह देश अपनी मान्यताओं और रिवाजों के लिए जाना जाता है। इस देश में जादू-टोना, काला जादू जिसे वुडू भी कहा जाता हैं काफी प्रसिद्ध है। इसी देश में इगुनगुन नाम की एक रहस्यमयी सोसाइटी भी रहती है। इस सोसाइटी के सदस्यों को जिंदा भूत कहा जाता है और यहाँ के लोग इन जिंदा भूतों से खौफ खाते हैं।अफ्रीकी काले जादू वूडू की शुरुआत यहीं से हुई थी। बेनिन में इगुनगुन नाम की एक सीक्रेट सोसायटी है। इसके सदस्यों को ‘जिंदा भूत’ कहा जाता है। माना जाता है कि ये इगुनगुन किसी अन्य व्यक्ति को छू भी लें, तो वह व्यक्ति तो तत्काल मरेगा ही, इगुनगुन की भी मौत हो जाएगी। इगुनगुन लबादा ओढ़ने के साथ ढेर सारे रंग-बिरंगे कपड़े भी पहनते हैं। ये अपने चेहरे को ढंके रहते हैं, ताकि इनकी पहचान छुपी रहे।

इगुनगुन का मुख्य काम होता है, गांव वालों के आपसी विवादों में फैसला सुनाना। माना जाता है कि इन पर मृत पूर्वज ‘आते’ हैं और इनके माध्यम से अपनी राय देते हैं। इसलिए इगुनगुन का फैसला ईश्वर का संदेश और अंतिम माना जाता है। किसी विवाद को सुलझाने के लिए एक से ज्यादा इगुनगुन बैठते हैं। ये बहुत ऊंचे स्वर और अस्पष्ट शब्दों में बोलते हैं।

इगुनगुन के साथ कुछ माइंडर, यानी चेतावनी देने वाले लोग भी चलते हैं। ये भी उनकी सोसायटी के सदस्य होते हैं। उनके हाथों में छड़ी होती है। चूंकि माना जाता है कि इगुनगुन से टच हो जाने से भी व्यक्ति और इगुनगुन, दोनों की मौत हो जाती है, इसलिए ये माइंडर लोगों और इगुनगुन के बीच एक निश्चित दूरी बनाकर चलते हैं। यहां तक कि इगुनगुन कहीं बैठकर आराम भी करते हैं, तो माइंडर पहरा देते रहते हैं।

इनके ग्रुप के साथ ढोल-नगाड़े बजाने वाले लोग भी होते हैं। इगुनगुन ढोल की थाप पर डांस भी करते हैं। इगुनगुन कभी अपनी वास्तविक पहचान नहीं बताते। इगुनगुन के स्पर्श से मौत होने का डर इतने गहरे तक है कि लोग अनजाने में टच हो जाने पर भी दहशत में आ जाते हैं। इगुनगुन अपने आप में रहस्यों से भरे होते हैं। यहाँ के निवासी इगुनगुन से दूर ही रहने में अपनी भलाई समझते हैं लेकिन कभी भूलवश भी अगर इन लोगों का आमना-सामना इगुनगुन से हो जाता हैं तो ये लोग दहशत में आ जाते हैं।