प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi के 'मेड इन इंडिया' कैम्पेन पर आधारित फिल्म Sui Dhaaga ने महज तीन दिनों में न सिर्फ अपनी लागत निकाली है बल्कि मुनाफा भी कमा लिया है। बॉक्स ऑफिस इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ने तीन दिनों में 36.50 करोड़ रुपये का शानदार बिजनेस कर डाला है। बता दे, हालाकि फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी हुई थी लेकिन फिल्म ने तीसरे दिन शानदार कमाई की है। अगर तीन दिन की कमाई पर नजर डाले तो शुक्रवार यानी रिलीज के पहले दिन फिल्म ने 8 करोड़ का बिजनेस किया,शनिवार को 11.50 और तीसरे दिन यानी रविवार को फिल्म ने 16 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। वैसे, रविवार के बाद उम्मीद है कि 'सुई धागा' को 'गांधी जयंति' की छुट्टी का भी फायदा मिलेगा। इसे लगभग 2500 स्क्रीन्स पर रिलीज भी किया गया है।
फिल्म के बारे में बात करें तो 'सुई धागा' के डायरेक्टर शरत कटारिया 'दम लगाके हईशा' के बाद फिर से देसी कहानी लेकर लौटे। 'दम लगाके हईशा' में एक अलग ही दुनिया रचने वाले शरत कटारिया Sharat Kataria 'सुई धागा Sui Dhaaga' में वो पैनापन नहीं ला सके, जिसकी उम्मीद उनसे की जा रही थी। वरुण धवन और अनुष्का शर्मा ने किरदारों को परदे पर निभाने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन उनके साथ उस तरह का कनेक्शन नहीं बन पाता है जैसी 'दम लगाके हईशा' के आय़ुष्मान खुराना और भूमि पेडणेकर के साथ बना था। इस तरह 'सुई धागा' को देखकर यही लगता है कि 'सब बढ़िया नहीं है' हालांकि वरुण धवन तो यही कहते हैं कि "सब बढ़िया है।'
वरुण-अनुष्का के लिए जरूरी है ‘सुई धागा’ की सफलताइन दोनों ही सितारों की पिछली फिल्में ‘अक्टूबर’ और ‘परी’ बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गई थी। वरुण धवन की सफलता का प्रतिशत लगभग 99 प्रतिशत है। उनके 7 साल के करियर में एक मात्र ‘दिलवाले’ ऐसी निकृष्ट फिल्म रही है, जिसे दर्शकों ने अस्वीकार कर दिया था। हालांकि शाहरुख खान और काजोल ने इसमें मुख्य भूमिका अभिनीत की थी। रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी वरुण धवन की इस फिल्म ने निकृष्ट होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी।
वहीं दूसरी ओर अपने 10 साल के करियर में अनुष्का शर्मा ने सफलता के साथ असफलता का स्वाद भी चखा है। उनके द्वारा निर्मित उनकी पिछली फिल्म ‘परी’ बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 30 करोड़ का कारोबार करने में सफल हुई थी। हालांकि इस फिल्म ने सैटेलाइट, म्यूजिक, डिजिटल अधिकारों के जरिए अपनी लागत निकालने में सफलता प्राप्त कर ली थी।