संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ ने अपने पहले वीकेंड में 120 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस फिल्म की सफलता का सारा श्रेय दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को दिया जा रहा है लेकिन एक और शख्स है, जिसने दोयम दर्जे की भूमिका स्वीकार करके इन दोनों के सामने स्वयं को खड़ा रखा है। यह है शाहिद कपूर, जिन्होंने फिल्म में ‘राव रावल राजा रतनसिंह’ की भूमिका अभिनीत की है।
वर्ष 2003 में केन घोष निर्देशिक इश्क विश्क से अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले शाहिद कपूर की सबसे पहली फिल्म 1999 में आई सुभाष घई की ‘ताल’ थी, जिसमें उन्होंने श्यामक डाबर के डांस ग्रुप के साथ काम किया था। इस फिल्म के गीत ‘कहीं आग लगे लग जाए. . .’ में वे ऐश्वर्या राय बच्चन के पीछे नृत्य करते नजर आते हैं। ‘इश्क विश्क’ ने बॉक्स ऑफिस पर भारी सफलता प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन असफलता उनसे दूर रही। हालांकि इस बीच में उन्होंने इम्तियाज अली और सूरज बडज़ात्या की सुपर हिट फिल्मों ‘जब वी मेट’ और ‘विवाह’ में काम किया था। ‘विवाह’ हिन्दी फिल्मों की आखिरी ऐसी फिल्म रही है जिसने बॉक्स ऑफिस पर गोल्डन जुबली मनाई है। उसके बाद ऐसी कोई फिल्म नहीं आई जिसने बॉक्स ऑफिस पर 100 दिन पूरे किए हों।
शाहिद कपूर के फिल्म करियर की दिशा बदली जब उन्हें विशाल भारद्वाज का साथ मिला। विशाल भारद्वाज ने उन्हें सबसे पहले अपनी फिल्म ‘कमीने’ में दोहरी भूमिका में पेश किया। इस फिल्म में उनके अभिनय की सर्वत्र तारीफ हुई और उन्हें बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला। शाहिद कपूर के अभिनय की तारीफ हर बार होती रही है लेकिन बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मों को ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाती है। उनकी सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली फिल्म आर. . . राजकुमार रही है जिसने 66.60 लाख का कारोबार किया था। ‘हैदर’ के लिए कई पुरस्कार जीतने वाले शाहिद के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म ‘शानदार’ रही, जिसमें उनके साथ आलिया भट्ट नजर आई थीं। इस फिल्म का निर्माण करण जौहर और निर्देशन विकास बहल का था, जो इससे पहले ‘क्वीन’ दे चुके थे। ‘शानदार’ जहाँ बड़ी ओपनिंग फिल्म थी, वहीं यह सबसे बड़ी असफल फिल्म भी थी।
अपने 15 साल के करियर में शाहिद कपूर आठ बार सर्वश्रेष्ठ नायक का पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं। अब तक सौ करोड़ी क्लब से बाहर चल रहे शाहिद कपूर हालिया प्रदर्शित ‘पद्मावत’ के जरिए इस क्लब में शामिल हो चुके हैं। हालांकि दुख की बात यह है कि इस फिल्म में भी शाहिद को मेन लीड के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है। इस फिल्म के लिए सितारों को कई पुरस्कार मिलेंगे लेकिन शाहिद को सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर ही नॉमीनेट किया जाएगा।
शाहिद ‘पद्मावत’ को लेकर पहले भी कई बार कह चुके हैं उनके साथ इस फिल्म के सैट पर सौतेले और बाहरी व्यक्ति की तरह व्यवहार किया जाता था। दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को जो सुविधाएँ प्रदान की जाती थी, वो उन्हें नहीं मिल पाती थी। वो इस भूमिका को करने से इंकार कर चुके थे लेकिन मेरी पत्नी मीरा ने इसको करने के लिए कहा।