फिल्म प्रदर्शन का बदलता स्वरूप, दो वर्ष पूर्व ही प्रदर्शन तिथि घोषित

हिन्दी फिल्म उद्योग के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता पिछले आठ सालों से अपनी फिल्मों की प्रदर्शन तिथि उसी दिन घोषित कर देते हैं, जिस दिन फिल्म की घोषणा की जाती है। विशेष रूप से आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान, अजय देवगन, ऋतिक रोशन, अक्षय कुमार जैसे सुपर सितारे अपनी फिल्मों को वर्तमान में उन दिनों में प्रदर्शित करते हैं, जहाँ उन्हें कोई त्यौंहार मिलने के साथ ही लम्बा वीकेंड मिलता है। इन सितारों का कहना है कि अब फिल्में पहले की तरह महीनों नहीं चलती, जिसके लिए उन्हें ऐसे दिनों में फिल्म प्रदर्शित करनी पड़ती है जब दर्शकों का हुजूम सिनेमाघर में पहुँचे।

इस प्रचलन के चलते न सिर्फ इस वर्ष अपितु आने वाले वर्ष की यानी कि 2019 की सभी बड़ी रिलीज डेट्स को बुक कर लिया गया है। इनमें गणतंत्र दिवस (रिपब्लिक डे) से लेकर, होली, ईद, स्वतंत्रता दिवस (इंडिपेंडेंस डे), रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली और क्रिसमस तक की प्रदर्शन तिथियाँ शामिल हैं। विशेष बात यह है कि इसमें फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं होती है। सितारों को तय करने के बाद एक टीजर सोशल मीडिया पर जारी कर दिया जाता है और प्रदर्शन तिथि बताकर उस पर अपना हक जता दिया जाता है।

ऐसे में यदि कोई दूसरा बड़ा निर्माता निर्देशक उसी दिन अपनी फिल्म प्रदर्शन करना चाहे तो वह घबरा जाता है। उसे इस बात की चिंता सताने लगती है कि टकराव से उसे नुकसान होगा। हालांकि कई बार एक ही दिन दो बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन होता है। जैसे गत वर्ष 25 जनवरी को काबिल और रईस का प्रदर्शन हुआ। इससे बॉक्स ऑफिस को कम से कम 100 करोड़ का खामियाजा भुगतना पड़ा। वजह यह रही कि दर्शक बंट गया। आज दर्शक एक साथ दो या तीन फिल्में देखने के लिए अपनी जेब पर वजन डालना पसन्द नहीं करता है। टिकट दरें खासी महंगी हैं, जिसके चलते परिवार वाले एक ही फिल्म देख पाते हैं। ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर कोई न कोई फिल्म हल्की रह जाती है।

इस वर्ष भी ऐसा ही हुआ जब 25 जनवरी को अचानक से संजय लीला भंसाली ने अपनी बहुप्रतीक्षित और बहुविवादित फिल्म ‘पद्मावत’ का प्रदर्शन करने की घोषणा की। हालांकि उस दिन पहले से अक्षय कुमार की पैडमैन का प्रदर्शन होना तय था लेकिन पद्मावत के आने से अक्षय कुमार पीछे हट गए और दो सप्ताह बाद उनकी फिल्म प्रदर्शित हुई। देरी की वजह से अक्षय को खामियाजा भुगतना पड़ा। जो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 100-125 करोड़ का कारोबार कर सकती थी, वह सिर्फ 80 करोड़ पर सिमट गई।

गुजरे वक्त पर नजर डालें तो एक साथ दो-तीन फिल्मों का प्रदर्शन होना आम बात होती थी। उस वक्त फिल्म 100 दिन, 25 सप्ताह और यहाँ तक 50 सप्ताह का सफर बॉक्स ऑफिस पर पूरा करती थीं। कहीं कोई टकराव नहीं होता था। दर्शक सभी फिल्मों को देखता था। इसका सबसे बड़ा कारण था सिनेमाघरों की कमी। आज मल्टीप्लेक्स का जमाना है जहाँ एक ही जगह पाँच-पाँच सिनेमाघर होते हैं। ऐसे हालात में दर्शकों को आसानी से टिकट मिल जाती है जिसके चलते वह शुरूआती सप्ताह में ही फिल्म देख लेता है, जबकि पहले ऐसा नहीं था। फिल्म एक ही सिनेमाघर में सिर्फ चार शो चलती थी, जिसके चलते दर्शकों को कई सप्ताह का इंतजार करना पड़ता था।

इसी दौर में मल्टीस्टार कास्ट वाली फिल्में बहुत लोकप्रिय हुई। लेकिन अब कोई भी दो बड़े सितारे एक साथ एक फिल्म में नजर नहीं आते हैं। पूरी की पूरी फिल्म एक ही सितारे के इर्द गिर्द रहती है। ऐसे में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब कोई फिल्म अच्छी होते हुए भी सफल नहीं हो पाती, वजह जिस सितारे की वह फिल्म है उसके प्रशंसकों की संख्या कम है, लिहाजा उसकी फिल्म अच्छी होते हुए भी असफल हो जाती है।

वर्ष 2018 के 9 माह का सफर बाकी है। 2019 की प्रदर्शन तिथियों की घोषणा हो चुकी है। स्थिति इतनी बदतर हो गयी है कि 2020 की तिथियों की भी घोषणा होने लगी है। कुछ समय पूर्व राकेश रोशन ने अपने पुत्र ऋतिक रोशन की सफल सीरीज कृष के अगले भाग कृष-4 की प्रदर्शन तिथि 2020 में घोषित की है। इसके अतिरिक्त ऋतिक रोशन की ही एक अन्य फिल्म बैंग-बैंग के सीक्वल के प्रदर्शन की सूचना भी 2020 की घोषित कर दी गई है।