संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’ सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यह फिल्म राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और हरियाणा में प्रदर्शित नहीं होगी। फिल्म प्रदर्शन से पूर्व इसे मीडिया को विशेष स्क्रीनिंग के जरिये दिखाया गया। बेहद उत्सुकता के साथ देखी गई इस फिल्म को जो रिव्यू मिले हैं उसने इसके विरोध को राजनीतिक इच्छापूर्ति का जरिया सिद्ध कर दिया है। इस फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है और जिस अंदाज में अग्रिम बुकिंग में सिनेमाघरों के शोज हाउसफुल हुए हैं उससे इस बात का अंदाजा लग गया है कि आगामी 25 जनवरी से नियमित शोज में प्रदर्शित होने वाली यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी ओपनिंग लेगी।
फिल्म के तीन महत्त्वपूर्ण किरदार—अलाउद्दीन खिलजी, पद्मावती और राव राजा रतन सिंह—हैं, इनकी भूमिकाएँ रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर ने अभिनीत की हैं। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि इन तीनों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं सशक्तता के साथ परदे पर जीवंत किया है। विशेष रूप से रणवीर सिंह अपनी अदाकारी से अलाउद्दीन खिलजी के किरदार को बड़े परदे पर जीवंत करने में कामयाब रहे हैं। उनके हिस्से में आए कुछ दृश्य ऐसे हैं जहाँ वे बेहद खूखार दिखते हैं। उनके अभिनय की सफलता में सहायक रहा है उनका मेकअप, जिसके लिए भंसाली की तारीफ करेंगे जो उन्होंने सोचा है।
दीपिका पादुकोण पद्मावती को पूरी तरह से परदे पर उतारने में कामयाब रही हैं। उन्होंने अपने अभिनय से पद्मावती की सुंदरता और वीरता का बखूबी अहसास कराया है। दीपिका ने पद्मावती की भूमिका में जान फूंक दी है। निश्चित तौर पर वे वर्ष 2018 की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के समस्त पुरस्कार अपनी झोली में डालने में कामयाब होंगी। राव राजा रतन सिंह की भूमिका में शाहिद कपूर जमे हैं। उनका किरदार बेहद शांत है। उनकी अदाकारी संयमित है, जो दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहती है।
इतना पढ़ने के बाद आप का भी मन हो गया होगा फिल्म को देखने का आपको बता दें कि फिल्म राजपूत आन-बान और शान की कहानी है। इसका सबूत है फिल्म के ये डायलॉग्स। जो फिल्म के विरोधियों की जुबान पर भी लंबे समय तक रहेंगे। रिलीज से पहले मेकर्स ने डायलॉग्स के कुछ प्रोमो भी जारी किए थे जो बस एक झलक भर है। फिल्म में ऐसे बहुत डायलॉग्स हैं, जो राजपूतों के उसूलों का और उनकी शूरवीरता का जमकर बखान करते हैं।
पद्मावत के दमदार डायलॉग्स 1- इतिहास अपने पन्ने तो बदल सकता है पर राजपूतों के उसूल नहीं।
2- चिंता को तलवार की नोंक पर रखे वो राजपूत, रेत के नांव लेकर समंदर से शर्त लगाए वो राजपूत और जिसका सिर कट जाए और धड़ दुश्मन से लड़ता रहे वो राजपूत।
3- किस्मत का खेल देखिए हम सिंघल मोतियों के लिए गए थे, हमें आप मिल गई। किस्मत का खेल आप देखिए हम शिकार के लिए गए थे और शेर ही हमसे लिपट गया।
4- तू चित्तौड़ तो हमसे छीन सकता है, लेकिन हमारा गुरूर नहीं। हीरा तो हमसे छीन सकता है पर उसकी चमक नहीं।
5- ये ताज भी बड़ा बेवफा है। हमेशा सिर बदलता रहता है।
6- खिलजियों के लिए खुदा से भी लड़ सकता है अलाउद्दीन।
7- जिसकी मिट्टी में ही मिलावट हो उसे मिट्टी से अलग कर देना चाहिए।
8- सरहदें बहुत फैला ली, अब बाहें फैला लें। एक जंग हुस्न के नाम।
9- इस वक्त तेरा शनि और मंगल वक्र है और उस पर राघव चेतन का चक्र है।
10- जब राजपूत अपनी मिट्टी और मान के लिए लड़ता है, उसकी तलवार की गूंज सदियों तक रहती है। राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत है जितनी राजपूती तलवार में है।
11- चित्तौड़ के आंगन में एक और लड़ाई होगी जो न किसी ने देखी होगी न सुनी होगी। और ये लड़ाई हम क्षत्राणियां लड़ेंगी।
12- ये जंग तो उसलों से लड़ ली होती। हर जंग का केवल एक ही उसूल है-जीत
13 - आखिरी चुनर ओढ़ने का वक्त आ गया है। गढ़ के दरवाजें बंद कर दो।