तनुश्री-नाना पाटेकर विवाद के बाद भारत में भी शुरू हुआ #MeToo मूवमेंट का असर अब दिखने लगा है। सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन यानि की CINTAA ने यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए एक कमेटी बनाई है। ये टीम मीटू की शिकार महिलाओं की शिकायत सुनेगी और ऐसे मामलों को देखेगी। सिन्टा के महासचिव सुशांत सिंह ने इस मुद्दे पर बातचीत शुरू कर दी है और सभी को पीड़ित महिला को शर्म महसूस करने और उस पर सवाल न उठाने की अपील की है।
सुशांत ने इस कमेटी के बारे में कहा, 'हमने एक कमेटी बनाई है जिसका नाम है पॉश, प्रिवेनशन ऑफ सेक्शुयल हैरेसमेंट, और इसके तहत हम पैंपलेट्स के जरिए ये समझाने की कोशिश करेंगे कि कामकाजी जगह पर सेक्शुयल हैरेसमेंट क्या होता है। इसके अलावा हमारे पास एक आउटरीच प्रोग्राम भी है जहां हम हमारे सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रों में तैनात करेंगे कि जो ये देखेगा कि यदि कहीं कोई शिकायत दर्ज की जा रही है, तो हम सीधे कार्रवाई में घुसे और पीड़ित को खराब स्थिति से बाहर निकालें। यदि जरुरी हुआ तो हम अपने स्वयंसेवकों को भी स्थिति कंट्रोल में करने के लिए भेजेंगे'।
सुशांत ने बताया, 'स्वर भास्कर ने हमसे संपर्क किया (विचार के साथ), वह हमारी सदस्य है। संयोग से वह स्वतंत्र रूप से और बहुत ही विधिवत तरीके से इस मुद्दे पर काम कर रही थी। जब हम उनसे मिले, तो हमें एहसास हुआ कि हम एक ही लक्ष्य के साथ हैं। पॉश एक उप-समिति होगी जो यौन उत्पीड़न जागरूकता पर ध्यान देगी। इसमें स्वरा के अलावा वकील वृंदा ग्रोवर भी शामिल हैं जो उद्योग के लिए एक सेशन भी लेंगी। पॉश के तहत काउसलिंग के अलावा जागरूकता की मुहिम भी चलाई जाएगी।'
सुशांत ने बताया कि इस मुहिम में उनके साथ एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, रविना टंडन, रेणुका शहाणे, पत्रकार भारती दुबे और फिल्ममेकर अमोल गुप्ता जैसी दिग्गज हस्तियां है। इसके अलावा पॉश के पास वकील और साइकलॉजिस्ट भी है। साथ ही ये कमेटी विशाखा गाइडलाइन्स पर बनी है और इसके तहत 50 प्रतिशत महिलाएं कमेटी का हिस्सा होंगी।