बायोपिक से ज्यादा मुश्किल है मौलिक कहानी पर फिल्म बनाना: जूही

हाल ही में जारी किए गए फिल्म ‘अक्टूबर’ के ट्रेलर ने दर्शकों को अपने साथ बांधने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस फिल्म ट्रेलर को देखने के बाद दर्शकों में जिज्ञासा बढ़ गई है। उन्हें उम्मीद है कि एक और श्रेष्ठ फिल्म देखने को मिलेगी।

इस फिल्म का लेखन कार्य जूही चतुर्वेदी ने किया है जो इससे पहले पीकू और विक्की डोनर जैसी शानदार फिल्में लिख चुकी हैं। जूही चतुर्वेदी इन दिनों ‘अक्टूबर’ को लेकर चर्चाओं में है। जूही चतुर्वेदी और शूजित सरकार की जोड़ी की यह तीसरी फिल्म है, जिसमें वरुण धवन और बनिता संधू दिखायी देंगे।

राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकीं लेखिका जूही चतुर्वेदी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि किसी मौलिक कहानी पर फिल्म बनाना एक बायोपिक बनाने से ज्यादा मुश्किल है। इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हो चुका है। सोमवार को रिलीज हुए इस फिल्म के ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर जूही चतुर्वेदी से जब यह पूछा गया कि क्या वह मौलिक कहानी लिखने की बजाय बायोपिक लिखना चाहेंगी, तो इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि ऐसी कहानियों पर फिल्में बनाई जानी चाहिए, जिसका रिलीज के बाद समाज पर प्रभाव पड़े।

यह सच है कि एक मौलिक कहानी के साथ फिल्म बनाने में ज्यादा समय और मेहनत लगती है। कहानी लिखने में अधिक समय लगता है और लोगों के पास इंतजार करने के लिए धैर्य नहीं होता। वे सिर्फ जल्द से जल्द फिल्म बनाना चाहते हैं।

लेखिका ने बताया कि उन्हें इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने में ढाई साल का समय लगा और मुझे लगता है कि लेखन के लिए इतने समय की आवश्यकता होती है। मैं आभारी हूं कि शूजीत और रोनी (निर्माता रोनी लाहिड़ी) ने कहानी लिखने के लिए मेरा इंतजार किया।