अपनी गायकी और अदाकारी से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले किशोर कुमार का आज जन्मदिन हैं। बिना गायकी शिक्षण के अपने सुरों से लोगों के दिलों पर राज करने वाले किशोर कुमार अपने अलग ही अंदाज में गीतों को गाते थे। और उनका यहीं अंदाज लोगों को बहुत पसंद आता था। किशोर कुमार ने हिंदी सिनेमाजगत में बहुत ही काम समय में एक ऐसा मुकाम हासिल किया था, जिसे पाने के लिए लोगों को पूरी जिंदगी बीत जाती हैं। आज किशोर कुमार के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से बता रहे हैं।
- किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खांडवा में हुआ था वह बंगाली परिवार से ताल्लुक रखते थे। किशोर कुमार का असली नाम अभस कुमार गांगुली था जिसे हिंदी सिनेमा में आने के बाद बदलकर उन्होंने किशोर कुमार कर लिया था।
- किशोर कुमार की पहली नौकरी बॉलीवुड में बतौर कोरस सिंगर थी। इस फिल्म का नाम 'बॉम्बे टॉकीज' था। इस फिल्म में किशोर कुमार के भाई अशोक कुमार ने भी काम किया था।
- किशोर कुमार की बतौर एक्टर पहली फिल्म 'शिकारी' थी जो कि साल 1946 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में किशोर कुमार के भाई मुख्य किरदार में थे।
- किशोर कुमार ने हिंदी सिनेमागजत में कई सारे फेमस गाने गाए हैं। गायिकी के अलावा किशोर कुमार ने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। किशोर कुमार का पहला गाना 'मरने की दुआएं क्यों मांगू' था जो कि उन्होंने फिल्म 'जिद्दी' के लिए गाया था।
- किशोर कुमार ने अपने करियर में 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के लिए जीते थे। इसके साथ ही किशोर कुमार को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
- कहा जाता है कि 'आनंद' फिल्म सबसे पहले किशोर कुमार और महमूद अली को ऑफर की गई थी। जब 'आनंद' फिल्म के डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी किशोर कुमार के घर गए थे तो उनके गेटकीपर ने उन्हें भगा दिया था जिसके बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया था।
- किशोर कुमार ने गायिकी की कोई भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली थी। किशोर काफी चुलबुले थे। कहा जाता है कि उनके इसी बर्ताव की वजह से एक बार फिल्ममेकर उन्हें कोर्ट तक ले गए थे। उनका कहना था कि किशोर कुमार डायरेक्टर के सभी ऑडर्स को मानें।