‘परी’: बॉलीवुड में बदल सकती है हॉरर फिल्मों की तस्वीर

परी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की शादी के बाद प्रदर्शित होने वाली पहली होम प्रोडक्शन फिल्म है, जिसमें उन्होंने ‘आत्मा’ की भूमिका अश्रिानीत की है। अब तक इस फिल्म के जितने भी प्रमोशनल वीडियो जारी किए गए हैं, उससे यह खासी डरावनी फिल्म नजर आ रही है। अनुष्का की ये फिल्म न केवल दर्शकों में उत्सुकता जगा रही है, बल्कि ‘परी’ बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के निर्माण को भी नए सिरे से स्थापित कर सकती है। भारत में हॉरर फिल्मों की अपनी एक बड़ी ऑडियंस है, जो फिलहाल हॉलीवुड फिल्मों पर ज्यादा निर्भर है। ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड में पहली बार कोई हॉरर फिल्म बनी है, पहले भी हॉरर फिल्में बनी हैं लेकिन ज्यादा हॉरर के नाम पर मजाक बनकर रह गई हैं।

‘रामसे ब्रदर्स’ के बाद रामगोपाल वर्मा और विशेष फिल्मस ने की कोशिश

बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के निर्माण में कभी एक मात्र प्रोडक्शन हाउस ‘रामसे ब्रदर्स’ ही सक्रिय रहता था। इस बैनर ने 1954 में ‘शहीद-ए-आजम’ से फिल्मों में प्रवेश किया था। इसके बाद उन्होंने 1963 में रूस्तम-ए-सोहराब और 1970 में ‘एक नन्हीं मुन्नी लडक़ी थी’ फिल्में बनाई लेकिन यह सभी असफल रहीं। ‘एक नन्हीं मुन्नी लडक़ी थी’ में उन्होंने पृथ्वीराज कपूर पर एक दृश्य फिल्माया था जिसमें वे डेविल का मुखौटा पहनकर मुमताज को डराते हैं। फिल्म जरूर असफल हुई लेकिन रामसे ब्रदर्स को इस मुखौटे ने एक ऐसा विषय दिया जिस पर आगे चलकर उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया और सफलता पाई।

1971 में आई उनकी पहली हॉरर मूवी ‘दो गज जमीन के नीचे’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी पाई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में बनाई। उनकी फिल्मों में सिर्फ एक ‘पुराना मंदिर’ ऐसी फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 100 दिन पूरे किए थे।

रामसे ब्रदर्स के बाद हॉरर फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए रामगोपाल वर्मा और विशेष फिल्म्स ने कोशिशें जरूर की, लेकिन एक-दो को छोडक़र ये फिल्में कोई खास करिश्मा नहीं कर सकी। इसके पीछे इन फिल्मों में किसी बड़े सितारे का न होना भी शामिल है। लेकिन यह भी सच है कि बॉलीवुड में बनी अधिकांश हॉरर फिल्में दर्शकों को डराने में कामयाब नहीं हो सकी।

भारत में हैं हॉलीवुड हॉरर फिल्मों के दीवाने

हॉलीवुड की हॉरर फिल्मों की चर्चा भारत में भी खूब होती रही है। इस जॉनर की फिल्मों को पसंद करने वाले दर्शक हॉलीवुड की हॉरर फिल्मों का इंतजार करते हैं। ‘दि कॉन्ज्यूरिंग’, ‘ऑर्फन’, ‘दि अदर्स’ ‘इनसीडियस’, ‘अ नाइटमेयर ऑन दि एल्म स्ट्रीट’, ‘एनाबेल’, ‘दि एक्जॉर्सिस्ट’, ‘लेट मी इन’, क्राफ्ट और डरावनी कहानियों का दीवाना बना दिया था।

बॉलीवुड की ज्यादातर हॉरर फिल्म कमाई के मामले में पिछड़ जाती हैं, जबकि हॉरर हॉलीवुड में हिट जॉनर है। बड़े फिल्ममेकर्स के हॉरर फिल्मों का निर्माण करने के चलते भी ये फिल्में बंपर कमाई करती हैं। इसके अलावा वीएफएक्स, पटकथा और डरावने बैकग्राउंड स्कोर हॉलीवुड की हॉरर फिल्मों की लोकप्रियता को और बढ़ा देती है। इतना ही नहीं हॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के निर्माण में भी अच्छा खासा बजट खर्च किया जाता है, जबकि बॉलीवुड इस माामले में अभी तक कंजूस ही रहा है।

ऐसे में देखें तो अनुष्का शर्मा की ‘परी’ बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के प्रति निर्माताओं की दिलचस्पी को बढ़ा सकती है। फिल्म अगर बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत निकालने के साथ कुछ मुनाफा कमा लेती है तो आगे भी इस जॉनर की कुछ अच्छी फिल्में बॉलीवुड में बन सकती हैं।