अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘पैडमैन’ का प्रदर्शन होने जा रहा है। इस फिल्म को लेकर बॉक्स ऑफिस काफी आशान्वित नजर आ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की सबसे सफलतम फिल्म साबित होगी। उम्मीद है यह 150 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफल होगी। वही माहवारी से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ने और इस पर खुलकर बात करने का संदेश देती फिल्म 'पैडमैन' की निर्माता ट्विंकल खन्ना का कहना है कि शरीर की स्वाभाविक प्रक्रिया पर शर्मिदगी नहीं होनी चाहिए। हमारे समाज के हर शख्स को माहवारी को शर्म से जोड़ने वाली अपनी सोच को बदलने की जरूरत है और हम उम्मीद करते हैं कि फिल्म 'पैडमैन' के जरिए हम इस सोच को बदल देंगे।
वही एक इंटरव्यू के दौरान जब ट्विंकल से पूछा गया कि बच्चों के सामने अक्सर माता-पिता टेलीविजन पर सैनिटरी विज्ञापन आने पर चैनल बदल देते हैं। क्या पैडमैन उनकी मानसिकता को बदल पाएगी? इस पर ट्विंकल ने कहा, "मुझे लगता है कि सोच ही नहीं, विज्ञापन भी बदलेंगे। इस तरह के विज्ञापनों में माहवारी को समझाने के लिए नीले रंग का पदार्थ दिखाया जाता है, हम उम्मीद करते हैं कि अब से उसके स्थान पर लाल रंग दिखाया जाएगा। हमें उम्मीद है कि शायद यह होगा। केवल माता-पिता ही नहीं बदलेंगे, बल्कि विज्ञापन भी बदलेंगे।"
अक्सर दुकानदारों को पैड अखबार में ढककर या काले रंग की पन्नी में लपेटकर महिलाओं को थमाते हुए देखा जाता है, जो महिलाओं को कभी-कभी बहुत ही असहजता से भरने वाला क्षण होता है, इस पर ट्विंकल कहती हैं, "मुझे लगता है कि यही हम करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर क्यूं शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया पर र्शमदगी होती है, जबकि यह सबसे जरूरी जैविक प्रक्रिया है, क्योंकि अगर हमें (महिलाओं को) माहवारी नहीं होती, तो यहां जितने लोग भी बैठे हैं वे पैदा नहीं होते।"
फिल्म बताती है कि कैसे तमिलनाडु के अरुणाचलम मुरुगनाथम कम लागत में सैनिटरी पैड बनाने वाली मशीन का निर्माण कर एक नई क्रांति लाई और पैडमैन के नाम से मशहूर हो गए।
ट्विंकल से जब पूछा गया कि फिल्म के दौरान आपने क्या चुनौतियों का सामना किया? इस पर उन्होंने कहा "मेरी चुनौती फिल्म शुरू होने से पहले ही थी और इसके शुरू होने के बाद मेरी चुनौतियां खत्म हो गईं। मुझे अरुणाचालम मुरुगनाथम को उनकी कहानी पर्दे पर दिखाने के लिए राजी करने में नौ महीने लगे थे।"
ट्विंकल ने मजाकिया लहजे में कहा, "इतने वक्त में मैं तीसरा बच्चा पैदा कर सकती थी। इसलिए मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ी चुनौती थी।"
माहवारी के विषय को लोग र्शमदगी से जोड़कर देखते हैं, ऐसे में क्या मां-बाप अपने बच्चों के साथ फिल्म देख पाएंगे? इस पर ट्विंकल ने कहा, "हमने एक ऐसी फिल्म बनाने की कोशिश की है जो न केवल दर्शकों का मनोरंजन करेगी, बल्कि उन्हें एक संदेश भी मिलेगा और यह केवल माहवारी की कहानी नहीं है, बल्कि उस शख्स की भी कहानी है जिसने एक महान आविष्कार किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस फिल्म को देखने के दौरान किसी को भी असहजता होगी।"