क्रिकेट वनडे में सबसे ज्यादा बार जीरो पर आउट होने वाले बल्लेबाज

क्रिकेट के खेल में कई रिकॉर्ड बनते हैं, कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जिनकी चाहत हर खिलाड़ी को होती हैं और कुछ होते हैं अनचाहे रिकॉर्ड। इन्हीं अनचाहे रिकॉर्ड में एक है बिना खाता खोले पवेलियन लोटना। इस रिकॉर्ड में शामिल होने वाले भी कई दिग्गज बल्लेबाज हैं, जिन्होनें अपने नाम कई अच्छे रिकॉर्ड किये हैं। लेकिन ना चाहते हुए भी इस रिकॉर्ड में इन दिग्गज बल्लेबाजों का नाम आता हैं। तो आइये जानते हैं उन टॉप बल्लेबाजों के बारे में जो वनडे मैचों में सबसे ज्यादा बिना खाता खोले आउट हुए।

* सनथ जयसूर्या (श्रीलंका) :
श्रीलंका के पूर्व सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या वनडे मैचों में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज हैं। जयसूर्या 445 मैचों में कुल 34 मौकों पर खाता खोलने में नाकाम रहे। वनडे क्रिकेट में जयसूर्या ने रनों का अंबार लगाया है उनके नाम 13 हजार से ज्यादा रन है। लेकिन जयसूर्या इस अनचाहे रिकॉर्ड के साथ अपना नाम जुड़ने से खुद को नहीं बचा सके।

* शाहिद अफरीदी (पाकिस्तान) :
पाकिस्तान का यह विस्फोटक बल्लेबाज भी इस लिस्ट में शामिल है। अफरीदी ने 369 मैचों में 8064 रन बनाए हैं जिसमें 6 शतक और 39 अर्धशतक शामिल है। उनका उच्चतम स्कोर 124 है लेकिन वह वनडे में 30 बार अपना खाता नहीं खोल सके हैं।

* वसीम अकरम (पाकिस्तान) :
वसीम अकरम ने दो दशक तक पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होने अपनी स्विंग से दुनिया भर के बल्लेबाजों को खाता खोलने नहीं दिया। लेकिन अकरम खुद को भी इस अनचाहे रिकॉर्ड से बचा नहीं सके। अकरम 356 वनडे मैचों में 3 हजार से ज्यादा रन बनाए। लेकिन उनके वनडे करियर में कुल 28 मौकों पर खाता खोलने में असफल रहे। हालांकि अकरम ने अपनी बल्लेबाजी की इस कमी को अपनी शानदार गेंदबाजी से पूरा किया। अकरम ने 356 वनडे मैचों में कुल 502 विकेट चटकाए।

* महेला जयवर्धने (श्रीलंका) :
श्रीलंका खिलाड़ी महेला एक शानदार बल्लेबाज रहे है लेकिन वनडे में आउट होने का यह बुरा रिकॉर्ड भी इनके नाम है। महेला ने 448 मैचों में 12650 के साथ 19 शतक और 77 अर्धशतक बनाए है। वनडे में इस बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर 144 है और वह भी 28 बार जीरो पर आउट हुए हैं।

* मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) :
शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाजों की टॉप 5 लिस्ट में एक और श्रीलंकाई नाम मुथैया मुरलीधरन का है। मुरलीधरन 350 मैचों में 25 बार खाता खोलने में नाकाम रहे। मुरलीधरन जितने अच्छे गेंदबाज थे उतने ही बुरे बल्लेबाज भी थे। उन्होने अपने वनडे करियर में कुल 350 मैच खेले जिनमें उनके नाम 674 रन दर्ज है। यानी वो वनडे में हजार रन के आंकड़े को भी छूने में नाकाम रहे।