छोटे पर्दे से करिअर शुरू करने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी आज बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल कर चुके हैं। मनोज ने कई फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाई हैं। मनोज नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से एक्टिंग की दुनिया में आए थे। इस बीच मनोज ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। बिहार के एक छोटे से गांव से आए मनोज ने हाल ही में मिंट के लिए उद्यमी रितेश अग्रवाल के साथ बातचीत की। मनोज ने कहा कि मैं पहले दिल्ली के मुखर्जी नगर में छोटे छत वाले कमरों में रहता था, जिसे बरसाती कहते थे।
होने को यह सस्ती थी, लेकिन गर्मियों में वहां बहुत गर्मी और सर्दियों में बहुत ठंड होती थी। यह नरक जैसा था। मैंने चुनौतियों का सामना करना जारी रखा, क्योंकि मैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अभिनय कर रहा था। थिएटर से मुझे पैसे तो नहीं मिलते थे, लेकिन इससे मैं बिजी रहता था। मैं 18 घंटे काम करता था और मैं कभी भूखा नहीं सोया। इसका श्रेय मेरे दोस्तों को जाता है। अगर मैं दोपहर का खाना भी नहीं खा पाता था, तो मेरे दोस्त अपनी आधी रोटी मेरे साथ खाते थे।
जब मैं बिना पैसे के मुंबई चला गया और ऑडिशन के लिए एक से दूसरे स्टूडियो में भटकने लगा, तो स्थिति और भी गंभीर हो गई। काम की कमी के कारण मुझे खाने के लिए भी कुछ नहीं मिल रहा था। इसके अलावा तमाम संघर्षों से जूझते हुए मैं शारीरिक और भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस करने लगा। मैं पूरे दिन भूखा रहता था। जब हम काम के लिए प्रोडक्शन वालों के पास जाते तो वे हमें बाहर निकाल देते। इन चुनौतियों के बावजूद मैंने हार नहीं मानी।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में मनोज बाजपेयी की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर संकटमनोज बाजपेयी के उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित करोड़ों की संपत्ति पर संकट मंडरा रहा है। प्रशासन ने उन्हें जमीन कानून के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किया है। उनकी जमीन जब्त की जा सकती है। बता दें कि मनोज ने अल्मोड़ा में योग और मेडिटेशन के नाम पर एक जमीन खरीदी थी लेकिन अभी तक इसका कोई प्रयोग नहीं हुआ है। यह खाली पड़ी है जिसे स्थानीय भूमि उपयोग नियमों का उल्लंघन बताया जा रहा है।
इसके अलावा प्रशासन का कहना कि जमीन की बिक्री या हस्तांतरण से संबंधित कई आवश्यक कागजात और अनुमति प्रक्रियाएं पूरी नहीं की गई हैं। अल्मोड़ा जिले के उपजिलाधिकारी ने भेजे गए नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर भूमि उपयोग संबंधी उल्लंघन पाया गया तो उनकी संपत्ति सरकारी अधिग्रहण के तहत जब्त की जा सकती है। प्रशासन ने मनोज को 15 दिन के अंदर जवाब देने का आदेश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक मनोज ने साल 2021 में लमगड़ा तहसील के कपकोट गांव में 15 नाली जमीन खरीदी थी और कहा था कि यहां योग व मेडिटेशन सेंटर खोला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक मनोज ने इस मामले पर कानूनी सलाह ली है और जल्द ही जवाब देने की योजना बना रहे हैं।