सृजित मुखर्जी द्वारा निर्देशित की गई फिल्म `बेगम जान` एक पुरुष प्रधान समाज पर आधारित फिल्म है| इस फिल्म में 1947 के समय का विवरण किया गया है| 1947 में जहां सभी आज़ादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी तरफ `कोठे की मालकिन` बेगम जान अपने घर (कोठे) को टूटने से बचाने की लड़ाई लड़ती है| इस फिल्म में विद्या बालन अहम् भूमिका में हैं| आइए जानते हैं क्या है इस फिल्म में ऐसा जो बनता है इस फिल्म को खास-
1. विद्या बालन की खड़ी बोली-
इस फिल्म में विद्या ने एक कोठे की मालकिन `बेगम जान` की भूमिका निभाई है| विद्या ने अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है| इस फिल्म में विद्या की खड़ी बोली आकर्षण का केंद्र रही| विद्या का बेबाक अंदाज लोगो को खास पसंद आया|
2. अभिनय-
इस फिल्म के सभी कलाकार जो कोठे में रहते हैं उनका अभिनय तारीफ के काबिल है| सभी ने अपने अपने हिस्से के अभिनय से लोगों का मन मोह लिया| वो सभी लड़कियाँ जो कोठे पर काम करती हैं उनकी अदाकारी ने सबको स्तब्ध कर दिया| विद्या बालन का किरदार और अभिनय तो दमदार है|
3. कहानी-
इस फिल्म की कहानी बहुत ही अलग और दिल को छू लेने वाली है| इस फिल्म की कहानी ने बहुत से लोगों को ना चाहते हुए भी अपनी तरफ खींचा है| लड़कियाँ इस कहानी को अच्छे से महसूस कर सकती हैं|
4. संगीत-
इस फिल्म का संगीत भी बहुत मधुर और आकर्षक है| आज कल आने वाले फिल्मों की तरह तड़क भड़क वाला संगीत नहीं होते हुए भी सभी को इस फिल्म का संगीत का पसंद आया|
5. दृश्य-
इस फिल्म के दृश्य अति सुन्दर हैं| लोग दृश्यों से अपने आपको जुड़ा हुआ मह्सूस करते हैं| इस फिल्म में जब कोठे की रखवाली करने वाले कुत्ते को मार दिया जाता है उस समय न केवल कलाकार बल्कि फिल्म को देखने वाले लोग भी अपने आप को उस दर्द से जुड़ा हुआ मह्सूस करते हैं|
6. वस्त्र-
इस फिल्म में पहने जाने वाले वस्त्र भी बहुत आकर्षक हैं| सभी कलाकारों द्वारा पहने गए कपडे उनके किरदार को साफ़ साफ़ दर्शा रहे हैं| सभी ने अपने किरदार को वेशभूषा से दर्शाया है| कोठे पर जिस प्रकार के कपडे पहने जाते हैं सभी ने उसी तरह के कपडे पहने हैं|