नवविवाहित जोड़ों को अपनी सफल शादीशुदा जिंदगी के लिए अपनाने चाहिए पलंग से जुड़े ये वास्तु टिप्स

आखातीज का त्योंहार नजदीक आ चूका हैं अर्थात शादियों का सीजन आ चूका हैं क्योंकि आखातीज को शादियों के लिए अबूझ मूर्हत माना जाता हैं। शादी होने के बाद नया जोड़ा अपनी नयी जिंदगी की शुरुआत करता हैं और कोशिश करता हैं कि उनका सम्बन्ध अच्छा और मजबूती से जुड़ा रहे। इसलिए आज हम अओको कुछ ऐसे वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं जो नवविवाहित जोड़े की जिंदगी में बहुत महत्व रखते हैं और उनके रिश्ते को अटूट बनाये रखते हैं। तो आइये जानते हैं पलंग से जुड़े ये वास्तु टिप्स जो किसी भी नवविवाहित जोड़े को अपनाने चाहिए।

* नवविवाहित जोड़ों को सबसे पहले ये ध्यान रखना चाहिए कि जो पलंग वो बनवा रहे हैं वह लोहे ना हो। न्यूली वेड कपल्स को लकड़ी का पलंग बनवाना चाहिए। दरअसल लकड़ी को एक शुभ और पवित्र वस्तु माना गया है, जबकि लोहा इस मामले में इतना अच्छा नहीं माना जाता।

* नए जोड़ों को कभी ऐसा बेड या पलंग नहीं बनवाना चाहिए जिसमें कहीं भी शीशा लगा हो। माना जाता है कि शीशा विभिन्न तरीकों से ऊर्जाओं के प्रभाव को बढ़ा सकता है। इसका असर आपके संबंधों पर तो होता ही है, साथ में ये नींद में भी खलल पैदा करता है। ऐसे में कपल्स के बीच अच्छा तालमेल नहीं बन पाता है।

* आपको कभी ऐसे पलंग का चयन नहीं करना चहिए जिसका सिरहाना त्रिकोणीय हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह आकार कदापि शुभ नहीं होता। हांलाकि डिजाइनर दौर में ऐसे कई तरह के ऑप्शन सामने आ रहे हैं लेकिन बेहतर होगा कि आप चौकोर या आयाताकर सिरहाने के विकल्प को ही चुनें।

* वैसे तो आज के दौर में जगह की कमी के कारण लोग पलंगों में ही बॉक्स बनवा लेते हैं, लेकिन जितना हो सके इसे ना करें। इस तरह के पलंग पति-पत्नी के बीच बहस को और बढ़ा देते हैं। बॉक्स वाले पलंग मन में शांति भी नहीं लाने देते।

* वास्तुशास्त्र में सफाई का भी महत्व है। इसलिए पलंग की सफाई पर भी ध्यान दें। इसके किसी भी हिस्से पर धूल न जमने दें और दाग-धब्बों को भी हटाते रहें। इसके अलावा, पलंग पर हमेशा साफ व मुलायम चादर बिछाकर रखें।