Ganesh Chaturthi 2021 : गणेश चतुर्थी पर घर ला रहे है गणपति, तो इन बातों का रखे विशेष ध्यान; दूर होंगे कष्ट

भारत में गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। हर साल की तरह इस साल भी बप्पा (Bappa) के आगमन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस साल यह 10 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह त्यौहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। बहुत सारे लोग इस त्योहार के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर लाते हैं। गणपति स्थापना (Ganpati Sthapna) में बप्पा के भोग से लेकर श्रृंगार जैसी कई चीजें अहम होती हैं। ऐसे में गणपति स्थापना से पहले कुछ चीजों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। अगर आप बप्पा की इन चीजों को ध्यान में रखकर तैयारियां करेंगे तो बप्पा आपके दुख-कष्ट हर लेंगे। आइए डालते हैं एक नजर इन खास तैयारियों पर...

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- गणेश चतुर्थी पर अगर आप गणपति लाने की सोच रहे हैं तो बता दें कि सफेद मदार की जड़ या फिर मिट्टी से बनी गणेश मूर्ति को पूजा के लिए शुभ माना जाता है। यही नहीं, आप सोना-चांदी, तांबे आदि से बनी गणेश मूर्ति की भी स्थापना कर सकते हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस या किसी अन्य प्रदार्थ की मूर्ति लेने से बचे।

- ऐसा माना जाता है कि गणेश महाराज की बैठी हुई प्रतिमा ज्यादा फलदायी होती है। ऐसे में गणपति की मूर्ति खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें। हो सकता है पूजा में गणपति की ऐसी मूर्ति रखना आपके लिए शुभ हो जाए और बप्पा आपकी पूजा से प्रसन्न होकर आपके बिगड़े कामों को बना दें।

- वाममुखी गणपति की मूर्ति घर लाएंगे तो उन्हें प्रसन्न करना आसान होता है। दरअसल, गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड को वाममुखी गणपति कहा जाता है। कहा जाता है कि वाममुखी गणपति की पूजा करना आसान होता है। जबकि दाईं ओर सूंड वाले गणपति की पूजा के लिए विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है।

- अगर इस बार गणपति को घर में स्थापित करने का कारण संतान प्राप्ति है, तो घर में गणपति के बाल रूप की स्थापना करें।

- ऐसी मान्यता है कि गणपति की सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा लेना शुभ माना जाता है। तो इस बार अगर बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित करना चाहते है तो कोशिश करें कि सफेद या सिंदूरी रंग की हो। वैसे तो आप किसी भी रंग की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।

- अगर आप अपने ऑफिस के लिए गणपति लाने का विचार कर रहे हैं, तो खड़े हुए बप्पा ज्यादा शुभ रहेंगे। कहते हैं, ऐसी प्रतिमा के पूजन से सफलता और तरक्की मिलती है।

गणेश चतुर्थी की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी शुक्रवार 10 सितंबर 2021
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक
अवधि- 02 घंटे 29 मिनट
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय- सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शाम 08 बजकर 52 मिनट तक
अवधि- 11 घंटे 41 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- 10 सितंबर 2021 को 12 बजकर 18 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021 को 09 बजकर 57 मिनट तक