महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को होने जा रहा है, और इस दिन की धार्मिक महत्ता काफी विशेष है। प्रशासन ने अनुमान जताया है कि इस दिन लगभग 8 करोड़ लोग डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच सकते हैं। इस दिन के साथ ही मौनी अमावस्या की तिथि भी जुड़ी हुई है, जो हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मौनी अमावस्या का महत्वमौनी अमावस्या, जिसे माघी या माघ अमावस्या भी कहा जाता है, इस दिन का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन एक शुभ योग बन रहा है, जो इस तिथि के महत्व को और बढ़ा देता है। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और अपने पितरों को तर्पण देते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा, यह दिन कार्यों में सफलता और खुशियों की प्राप्ति के लिए भी माना जाता है। पितरों को तर्पण और दान देने से ग्रह दोष भी शांत होते हैं।
मौनी अमावस्या का समयहिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। वहीं, महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक शुभ मुहूर्त में होगा। इसके बाद प्रात: संध्या मुहूर्त 5:51 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा।
डुबकी लगाने के बाद करें ये 3 महत्वपूर्ण काम शिवलिंग पर अभिषेक: श्रद्धालुओं को महाकुंभ के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल और दुग्ध से अभिषेक करना चाहिए। यह शिव जी की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम उपाय है।
शिव चालीसा का पाठ: डुबकी लगाने के बाद शिवलिंग के सामने शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दान देना: साधु-संतों को यथासंभव अन्न का दान देना चाहिए, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।