हिन्दू धर्म के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम

हिन्दू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व माना जाता हैं। अगर अमावस्या सोमवार के दिन आये तो वह सोमवती अमावस्या कहलाती हैं। सोमवती अमावस्या का महत्व बहुत ज्यादा होता हैं। क्योंकि सोमवती अमावस्या पूर्णरूप से भगवान शिवजी को समर्पित होती है। इसलिए इस दिन किये गए धार्मिक कार्यों का प्रभाव बहुत फलदायक होता हैं। पुराणों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने की भी परंपरा है। आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जो सोमवती अमावस्या के दिन जरूर किये जाने चाहिए। तो आइये जानते है उन कामों के बारे में।

* अमावस्या पितरों का दिन माना गया है। इस दिन घर के पितृगणों का तर्पण करना चाहिए, तथा घर में पूर्ण शुद्धि से बनाए भोजन का भोग उन्हें लगाना चाहिए। इससे वे तृप्त होते हैं तथा आर्शीवाद देते हैं जिससे जीवन के सभी संकट दूर होकर सुख-शांति प्राप्त होती है।

* सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान् विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार से पूजन अर्चन करना चाहिए।

* मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को स्नान ध्यान के बाद तुलसी की 108 परिक्रमा की जाए तो इससे दरिद्रता दूर होती है।

* सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य नारायण को अर्घ्य देने से गरीबी दूर होगी। आज के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और उनकी पूजा अर्चना करने से मनवांछित फल प्राप्त होते हैं।

* उपलों की आग में गुड़ - घी का धूप करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

* जिन लोगों की पत्रिका में चंद्रमा कमजोर है, वह जातक गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होगी।

* इस दिन भूखे जीवों को भोजन कराने का भी महत्व है। यदि संभव हो तो कम से कम एक भिखारी अथवा गाय को भोजन करावें या किसी निकट के सरोवर में जाकर मछलियों को शक्कर मिश्रित आटे की गोलियां खिलाएं। इससे घर में पैसे की आवक शुरू हो जाती है।

* सोमवती अमावस्या पर निकट के किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाए। इसके बाद वहीं बैठकर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे कालसर्पयोग दोष का असर खत्म हो जाता है।

* सोमवती अमावस्या पर दान का अनंत फल मिलता है। इस दिन यथासंभव किसी गरीब की कुछ सहायता करनी चाहिए अथवा कुछ नकद धनराशि दान करें, इससे जन्मकुंडली के बुरे ग्रहों का असर समाप्त हो जाता है।