शास्त्रों के अनुसार नग्न होकर भूलकर भी ना करें इन कामों को

हर व्यक्ति के जीवन यापन का अपना तरीका होता हैं। उसी तरह से हर व्यक्ति की अपनी लाइफस्टाइल और रहने का सलीका होता हैं। आज हम बात कर रहे हैं कपड़ों के पहनने के तरीके के बारे में कि कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कई काम नग्नावस्था में ही करने की चाहत होती हैं। लेकिन शास्त्रों में वर्णन के अनुसार कई काम ऐसे होते हैं जो नग्न अवस्था में नहीं करने चाहिए। हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में शामिल विष्णु पुराण में कई ऐसे कामों को जिक्र किया गया है जिनको नग्न होकर करना अशुभ माना जाता है।तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे कामों के बारे में जो नग्न अवस्था में कभी नहीं करने चाहिए।

* नग्न होकर ना करें स्नान : विष्णु पुराण के बारहवें अध्याय में कहा गया है कि व्यक्ति को पूरी तरह से नग्न होकर स्नान नहीं करना चाहिए। अगर आप स्नान करने जा रहे हैं तो आपके तन पर एक कपड़ा तो होना ही चाहिए। दरअसल श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं में नहाते वक्त गोपियों के वस्त्र चुराकर यह संदेश दिया था कि मनुष्य को स्नान करते वक्त निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे जल के देवता का अपमान होता है।

* नग्न होकर नहीं सोना चाहिए
: भले ही विज्ञान यह दावा करता है कि नग्न होकर सोना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है लेकिन विष्णु पुराण के अनुसार पूर्ण रुप से नग्न होकर नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र देवता का अपमान होता है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है रात के समय पितृगण अपने परिजनों को देखने के लिए आते हैं और उन्हें नग्न देखकर पितरों को काफी दुख होता है, साथ ही यह कहा जाता है कि नग्न होकर सोने से नकारात्मक शक्तियां आपको अपना शिकार बना सकती हैं।

* नग्न होकर ना करें आचमन : कुछ लोग निर्वस्त्र होकर देवी-देवताओं की आराधना करते हैं लेकिन विष्णु पुराण के अनुसार पूजा के दौरान नग्न होने के बजाय बिना सिले हुए वस्त्र पहनने चाहिए। इसके अलावा पूजा या यज्ञ के दौरान नग्न होकर आचमन करना विधि के खिलाफ माना जाता है। इसलिए पूजा या आचमन के दौरान व्यक्ति को निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए।