धार्मिक मान्यताओं के तहत बात की जाए तो होली का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण को सर्वाधिक प्रिय होता है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होली मनाई जाती है। इसलिए इस दिन देशभर में और खासकर श्री कृष्ण की जमस्थली ब्रज में रंगवाली होली खेली जाती है और इस पर्व को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष रंग वाली होली 25 मार्च 2024, सोमवार के दिन खेली जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली के दिन देवी-देवताओं की उपासना करने से और मंत्रों का जाप करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस साल होली पर चंद्र ग्रहण लगने लगने वाला है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10:24 से शुरू होगा और दोपहर 03:01 तक रहेगा। उसके बाद चंद्र ग्रहण खत्म हो जाएगा। इसका सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रारंभ होगा। सूतक में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है। यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। ऐसे में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस चंद्र ग्रहण को उत्तर और पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के अधिकांश हिस्सों में दिखा जा सकता है। हालाकि ज्योतिष शास्त्र में इससे जुड़े कुछ उपाय बताए गए है जिनका पालन करके व्यक्ति को बहुत लाभ मिल सकता है। साथ ही कुंडली में उत्पन्न हो चुके ग्रह दोष का प्रभाव भी कम हो जाता है। आइये आपको भी हम बताते है कि ज्योतिष शास्त्र के तहत किन चीजों का पालन करे ताकि आपके लिए इस बार की होली शुभ और फलदाई हो।
होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिएशास्त्रों के तहत बात करे तो होलाष्टक के आठ दिनों तक शादी विवाह जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं। इसके साथ ही भूमि, भवन और वाहन आदि की भी खरीदारी को शुभ नहीं माना गया है। वहीं नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है। हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताये जाते हैं इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिये। हालांकि दुर्भाग्यवश इन दिनों किसी की मौत होती है तो उसके अंत्येष्टि संस्कार के लिये भी शांति पूजन करवाई जाती है। इसके साथ ही इस दौरान किसी भी प्रकार का हवनए यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किये जाते।
होलाष्टक में क्या करना चाहिएशास्त्रों में देखा गया है कि होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दौरान मौसम में तेजी बदलाव होता है। इसलिए अनुशासित दिनचर्या को अपनाने की सलाह दी जाती है। होलाष्टक में स्वच्छता और खानपान का उचित ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन इन दिनों में अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना कर सकते हैं। व्रत उपवास करने से भी आपको पुण्य फल मिलते हैं। इन दिनों में धर्म कर्म के कार्य वस्त्र अनाज व अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरतमंदों को धन का दान करने से भी आपको लाभ मिल सकता है।
होलाष्टक को क्यों माना जाता है अशुभज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं। अष्टमी तिथि को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर गुरु, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा तिथि के दिन राहु उग्र स्थिति में रहते हैं। होलाष्टक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। माना जाता है कि होलाष्टक की अवधि में किए शुभ और मांगलिक कार्यों पर इन ग्रहों का बुरा असर पड़ता है, जिसका असर सभी राशियों के जीवन पर भी पड़ सकता है।
इस उपाय से होली पर बदल सकती है आपकी तकदीरहोली के दिन आप चंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इस दिन ऊं सों सोमाय नम: के मंत्रों का जाप करते हुए चंद्रदेव की पूजा करें और उन्हें दूध अर्पित करें। इस उपाय से जीवन में सुख-सुविधा और भौतिक सुखों में वृद्धि होगी।
होलिका दहन के समय करे यह उपाय कार्यों में बाधाओं से मुक्ति, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और नौकरी में आ रही बाधा को दूर करने के लिए होलिका दहन पर अपने सिर से 21 बार नारियल को उतारकर उसे होलिका की आग में डाल दें। इसके साथ होलिका के स्थान पर जल, पान, फूल, नारियल और सुपारी भेंट करें। ताकि आपके जीवन के संकट दूर हो सके।
होलिका दहन में ये चीजें अर्पित करेंहोलिका दहन के दौरान अग्नि को कुछ विशेष चीजें अर्पित करना बहुत शुभ माना गया है। ये चीजें अर्पित करने से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है, ऐसी मान्यता है।होलिका की 11 बार परिक्रमा कर आखिरी परिक्रमा में सूखा नारियल, पान, सुपारी अग्नि का समर्पित करें। इस उपाय से धन की कमी की परेशानी दूर होती है, ऐसा माना जाता है।होलिका की अग्नि में जौ का आटा अर्पित करने से घर में हो रहे कलेश और मन-मुटाव से मुक्त मिलती है और पारिवारिक जीवन सुखमय होता है, ऐसी मान्यता है। ऐसा माना जाता है। इस उपाय से सालभर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।मान्यता है कि होलिका की अग्नि में नीम के 10 पत्ते और कपूर का टुकड़ा अर्पित करने से सेहत से संबंधित परेशानियों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है।
होली पर इन बातों का भी रखे ध्यान होली के दौरान कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें और स्नान अवश्य करें। इसके अलावा प्रात:काल सूर्य देव को जल भी जरूर अर्पित करें। मान्यता है कि जो देर तक सोते हैं या अधिक आलस्य करते हैं उनको नारायण की कृपा नहीं मिलती है। सूर्यदेव की पूजा करने के बाद होली खेलने से पहले भगवान श्रीकृष्ण के चरणों पर रंग चढाएं और उसे प्रसाद मानकर बाद में खेलें।