ज्योतिषीय उपाय जिनकी मदद से आपके व्यापार में हो सकती है वृद्धि

वर्तमान समय में हर कार्य में प्रतिस्पर्धा के चलते काफी मेहनत के बाद भी इच्छापूर्वक फल प्राप्त नहीं हों पाता हैं और मन में निराशा की उत्पत्ति होती हैं। इसमें सबसे ज्यादा चिंता होती है व्यापारियों को जो अपनी कड़ी मेहनत से व्यापार को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बढ़ता व्यापार उनके जीवन की तरक्की की राह हैं। इसलिए अपने व्यापार को बढाने के लिए मनुष्य मेहनत के साथ अपनी किस्मत को चमकाने के भी प्रयास करता हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही ज्योतिषीय उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके व्यापार में वृद्धि करें।

* रविवार को किसी साफ बर्तन में गंगाजल लेकर 21 बार गायत्री मन्त्र पड़ते हुए हर बार उस पर फूंक मारे फिर उस गंगा जल को अपने सम्पूर्ण कार्यस्थल पर अपनी मनोकामना बोलते हुए अच्छी तरह से छिड़क दें व्यापार में शुभ समाचार प्राप्त होगें। ऐसा लगातार 7 रविवार को अवश्य करें।

* व्यापारिक स्थल के पूजाघर में स्फटिक श्रीयंत्र और एकाक्षी नारियल स्थापित करके प्रतिदिन गुलाब की सुगन्धित अगरबत्ती से पूजा करने से व्यापार में निश्चित सफलता प्राप्त होती है।

* शवेतार्क मूल (सफ़ेद आक की जड़) को गंगा जल से धोकर ,टीका लगाकर, धूप अगरबत्ती दिखाकर किसी भी शुभ नक्षत्र में चाँदी के ताबीज में सफ़ेद रेशमी डोरे से गले अथवा दहिनी बाजु में धारण करने से अदभुत सफलता प्राप्त होती है।

* होली के पर्व पर एक नए लाल कपडे में लाल गुलाल को बांधकर (पोटली बना कर) किसी तश्तरी में अपनी दुकान या घर की तिजोरी में स्थापित करने पर व्यक्ति को जीवन में अपने कार्यों में लगातार लाभ की प्राप्ति होती है, धन का आना लगातार बना रहता है।

* थोडा सा कच्चा सूत लेकर उसे केसर से रंग कर अपने व्यापारिक स्थल में बांध दें व्यापार बहुत तेजी से बड़ने लगेगा, नौकरी करने वाले व्यक्ति इसे अपनी मेज की दराज / अल्मारी या अपने कार्य सम्बन्धी वस्तु में बांध सकते है।

* अपनी दुकान को खोलने से पहले या आप खुद जब भी पहुंचे सर्वप्रथम दुकान / व्यापारिक स्थल के दोनों और गंगा जल छिड़क कर ईश्वर का नाम लेते हुए अन्दर प्रवेश करें पूरा दिन उत्साह से बीतेगा।

* कम से कम 10 ग्राम कपूर और इतनी ही मात्रा में रोली को जलाकर उसकी राख को एक साफ लाल कागज में पुड़िया बनाकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें , प्रतिदिन सुबह पूजा के बाद उसको अपनी दोनों आँखों और माथे से लगाकर चूम लें, तिजोरी में सदैव बरकत बनी रहेगी।