खूनी योद्धा के नाम से प्रसिद्द था यह क्रूर शासक, हजारों जिंदा लोगों को दफनाकर बनवा दी थी मीनार
By: Ankur Mon, 31 Aug 2020 5:36:17
भारत देश का इतिहास बेहद अनूठा रहा हैं जिसमें कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी क्रूरता के लिए भी जाने जाते हैं। आज इस कड़ी में भी हम आपको एक ऐसे ही क्रूर शासक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे खूनी योद्धा के नाम से जाना जाता था। इस शासक ने हजारों जिंदा लोगों को दफनाकर उसपर मीनार बनवा दी थी। हम बात कर रहे हैं चौदहवीं शताब्दी के शासक तैमूर लंग के बारे में। तो आइये जानते हैं इस क्रूर शासक के बारे में।
1369 ई. में समरकंद के अमीर के रूप में अपने पिता के सिंहासन पर बैठने के बाद तैमूर विश्व-विजय के लिए निकल पड़ा। कई देशों को विजित करते हुए तैमूर ने 1398 ई. में भारत में आक्रमण किया और दिल्ली तक बढ़ आया। इतिहास की मानें तो वह दिल्ली में केवल 15 दिनों तक रुका था। सैनिकों के साथ उसने जमकर लूटपाट की और सारा माल लेकर अपने वतन वापस लौट गया।
भारत पहले से ही अपनी समृद्धि और वैभव के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय था। इस वजह से यह देश हमेशा आक्रमणकारियों के निशाने पर रहा। तैमूर लंग ने भी भारत के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था। इसलिए यहां की दौलत लुटने के लिए उसने आक्रमण की योजना बनाई। भारत में तैमूर लंग ने दौलत तो काफी लूटी लेकिन साथ ही अंत में जब वह दिल्ली से वापस समरकंद के लिए रवाना हो रहा था, तो जाते-जाते अनेक जवान और बंदी बनाई गई औरतों और शिल्पियों को भी अपने साथ ले गया।
वैसे तैमूर लंग ने गेज खां की पद्धति को अपना रखी थी, लेकिन क्रूरता और निष्ठुरता के मामले में वो चंगेज खां से भी एक कदम आगे निकल गया था। इतिहास में तैमूर लंग को एक खूनी योद्धा की संज्ञा दी गई है। तैमूर जब भी जंग के लिए मैदान में उतरता तो बड़ी गिनती मे लाशे बिछा देता था। कहते हैं, एक जगह उसने दो हजार जिंदा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईंट और गारे में चुनवा दिया।
तैमूर लंग का नाम पहले केवल तैमूर था। नाम के पीछे लंग जुड़ने की कहानी उसके जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार युवावस्था में तैमूर के शरीर का दाहिना हिस्सा बुरी तरह घायल हो गया था। इतिहासकारों की माने तो तैमूर की यह हालत एक हादसे के कारण हुई थी। तैमूर भाड़े के मजदूर के तौर पर खुराशान में पड़ने वाले खानों में काम करता था। इसी खान में एक हादसे के दौरान वह जख्मी हो गया था।
तैमूर को लेकर अलग-अलग इतिहासकारों की राय भी अलग-अलग है। सीरियाई इतिहासकार इब्ने अरब शाह का कहना है कि एक भेड़ चराने वाले चरवाहे ने भेड़ चुराते हुए तैमूर को अपने तीर से घायल कर दिया था। चरवाहे का एक तीर तैमूर के कंधे पर लगा था और दूसरा तीर कूल्हे पर।
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