आखिर क्या है ट्रेन के डिब्बों के अलग-अलग रंग का राज, जानकर आप भी हो जाएंगे सोचने पर मजबूर
By: Ankur Thu, 29 Aug 2019 06:42:47
आपने ट्रेन का सफ़र तो किया ही होगा जो कि देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने का काम करती है और आवागमन का एक बहुत बड़ा साधन हैं। भारतीय रेल ने अपने बड़े नेटवर्क के मामले में एशिया में दूसरा और विश्व में चौथा स्थान प्राप्त किया हैं। यहां तक कि इसके लिए कहा जाता हैं कि अगर भारतीय रेल की सभी पटरियों को सीधा जोड़ दिया जाए तो यह लम्बाई के मामले में पृथ्वी के आकार से भी 1.5 गुणा ज्यादा हो जाएगी। क्या आपने कभी ट्रेन के सफ़र के दौरान यह गौर किया है कि ट्रेन के डिब्बों का रंग अलग-अलग होता हैं। अब ऐसा क्यों होता हैं आइये आज हम बताते हैं आपको इसके अनोखे राज के बारे में।
- आपने देखा होगा कि ज्यादातर ट्रेनों को डिब्बों का रंग नीला होता है। दरअसल, इन डिब्बों का मतलब होता है कि ये आईसीएफ कोच हैं। यानी कि इनकी रफ्तार 70 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। ऐसे डिब्बे मेल एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाए जाते हैं।
- आईसीएफ वातानुकूलित (एसी) ट्रेनों में लाल रंग वाले डिब्बों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि राजधानी एक्सप्रेस।
- हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल गरीब रथ ट्रेन में होता है। वहीं, भूरे रंग के डिब्बों का उपयोग मीटर गेज ट्रेनों में होता है। बिलिमोरा वाघाई पैसेंजर एक नैरो गेज ट्रेन है, जिसमें हल्के हरे रंग के कोच का उपयोग होता है। हालांकि इसमें भूरे रंग के कोच का भी उपयोग किया जाता है।
- कुछ रेलवे जोन ने अपने स्वयं के रंगों को नामित किया है। जैसे कि मध्य रेलवे की कुछ ट्रेनें सफेद, लाल और नीले रंग की योजना का पालन करती हैं।