25 सालों में 1000 से ज्यादा सांपों को पकड़ चुकी है विधा, गंध सूंघकर बता देती हैं सांप है या नहीं
By: Priyanka Maheshwari Tue, 17 Dec 2019 1:45:12
सांप अगर हमारे सामने आ जाए तो हमारी हवा निकल जाती है लेकिन कोच्चि में रहने वाली विद्या राजू बड़े आराम से अपने हाथों से साप को पकड़ लेती है। बता दे, विद्या राजू एक साधारण गृहणी हैं और पिछले 25 वर्षों से सांप पकड़ रही हैं। विद्या मूलत: बिहार की हैं और उनके पति एनवीएस राजू नेवी के रिटायर्ड कमांडर हैं। अब तक वह 1000 से ज्यादा सांपों को पकड़ चुकी हैं। उनका कहना है कि अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते, वह सांपों को इतना प्यार करती हैं कि उन्हें प्रेम से 'बच्चा' कहती हैं।
विद्या राजू इस साल अगस्त महीने से बहुत व्यस्त चल रही हैं। इस साल केरल में आई अब तक की सबसे भयानक बाढ़ में बहुत बड़ी तादाद में सांप निकले जो अब घरों और इमारतों में पनाह ले रहे हैं। ऐसे में पूरे कोच्चि से विद्या के पास सांपों से छुटकारा पाने के लिए फोन कॉल आते रहते हैं। हाल ही में अजगर को बचाने वाला उनका विडियो बहुत वायरल हुआ था। विद्या का कहना है कि अचानक आई बारिश की वजह से सांपों को अपने प्राकृतिक आवास से बाहर निकलना पड़ा। जब पानी उतरा तो वे यहां-वहां छिपने लगे, क्योंकि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि वे कहां जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश सांप जहरीले नहीं हैं। हर रोज औसतन मेरे पास 2-3 फोन कॉल आते हैं। आजकल तो मैं लोगों से कहती हूं कि वे सांप का फोटो मुझे वॉट्सऐप कर दें। अगर सांप जहरीला नहीं है और बाहर है तो मैं लोगों से कहती हूं कि उसे अकेला छोड़ दें। रैट स्नेक जैसे सांप कोई नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि वे चूहों की तादाद नियंत्रण में रखते हैं।
विद्या पिछले 25 साल से गोवा के नेवी कैंपस में भटक कर आए उल्लू, चील, कुत्ते, बिल्लियों और सांपों को रेस्क्यू करती रही हैं। विद्या का कहना है कि सांपों के बदला लेने वाली सारी कहानियां झूठी हैं। वह अपने निशान जरूर छोड़ते हैं। कई बार मैं किसी जगह पहुंचकर उस जगह की गंध से ही समझ जाती हूं कि यहां कोई सांप है। अब तक वह सांप पकड़ने में इतनी माहिर हो गईं हैं कि पिछले साल उन्हें सांप रेस्क्यू करने वाले रिसोर्स पर्सन की सूची में शामिल कर लिया गया।
विद्या को भी कई बार सांप काट चुके हैं। इस बारे में उन्होंने बताया, 'जहरीले सांपों को पकड़ते समय मैं ज्यादा सर्तक रहती हूं। वे जरा सा मौका पाते ही काट लेते हैं।' लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा वह घटना याद है जब अजगर के अंडों को रेस्क्यू करने के दौरान कुछ बच्चे उनके हाथ में अंडों से बाहर निकलने लगे थे।