मरने के बाद दोबारा जीवित हुआ कैदी, कहा - मेरी आजीवन कारावास की सजा हुई पूरी, मुझे रिहा करो
By: Priyanka Maheshwari Mon, 11 Nov 2019 2:45:25
अमेरिका के आयोवा से एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक एक कैदी बेंजामिन श्रेइबर ने अदालत में अपील दायर की है कि उसकी मौत चार साल पहले हो गई है और उसे अब बाहर जीने दिया जाए। दरअसल, 2015 में बेंजामिन श्रेइबर कुछ समय के लिए मर गया था। बाद में डॉक्टरों के प्रयास से उसकी सांसे दोबारा चलने लगीं। श्रेइबर ने तीन सदस्यीय बेंच से मांग की कि उसे अब अपनी नई जिन्दगी जेल से बाहर जीने का मौका दिया जाए।
श्रेइबर की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा है कि अगर वो जीवित है तो उसे जेल में रहना चाहिए और अगर वो मर गया है तो ये याचिका झूठी और बेबुनियाद है। जज अमांडा पॉटरफील्ड ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता का तर्क उसकी मांग के लिए पर्याप्त नहीं है। लिहाजा कोर्ट ने कैदी को अपनी बाकी बची हुई जिन्दगी जेल में बिताने का आदेश दिया। डेस मोइनेस रजिस्टर के अनुसार, श्रेइबर ने 1996 में एक कुल्हाड़ी के हत्थे से एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे आजवीन कारावास की सजा हुई।
अपनी रिहाई की कई बार लगा चुका है याचिका
अपनी रिहाई के लिए श्रेइबर दर्जनों याचिकाएं दाखिल कर चुका है। 2018 मे वपैलो की एक अदालत में उसने फिर याचिका दायर कर कहा कि जब वह 2012 में बीमारी से मर चुका था तब उसे उसकी इच्छा के विरूद्ध डॉक्टरों ने जीवित किया। याचिका में कहा गया कि मार्च 2015 में किडनी स्टोन की वजह से उसे सेप्टिक हो जाने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुखार की वजह से श्रेइबर के बेहोश हो जाने के बाद अस्पताल के स्टाफ ने उसके भाई को बताया कि हालांकि उसे दर्द बर्दाश्त करने की दवाएं दी जा रहीं हैं लेकिन उसका बच पाना मुश्किल है। श्रेइबर ने अपनी याचिका में दावा किया कि अस्पताल के लोगों ने उसके या उसके भाई के इच्छा के विरुद्ध उसे पुनर्जीवित किया।