राजस्थान / आसमान से गिरे उल्कापिंड की जाने क्या है सच्चाई, वजन 2.788 किलोग्राम, कीमत हो सकती है करोड़ों में
By: Priyanka Maheshwari Sun, 21 June 2020 10:17:23
राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर में शुक्रवार को तेज धमाके के साथ बमनुमा आकार की चीज आसमान से आकर गिरी और जमीन में करीब 4-5 फीट तक धंस गई। इस धमाके की आवाज 2 किमी दूर तक सुनाई दी। इस चीज को उल्कापिंड बताया जा रहा है। आसमान से गिरी धातु का वजन 2 किलो 788 ग्राम निकला। सूचना मिलते ही एक्सपर्ट टीम ने मौके पर पहुंचकर धातु को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। लोगों का कहना है कि उन्होंने आसमान से एक तेज चमक के साथ एक टुकड़े को गर्जना के साथ नीचे गिरते देखा। नीचे गिरते ही एक धमाका हुआ। यह काफी देर तक गर्म रहा, इसके ठंडा होने पर पुलिस ने इसे कांच के एक जार में रखवा दिया। जब इसके गिरने की खबर फैली तो लोग इसे देखने के लिए उमड़ पड़े। हालत ये रही कि उसे वहां से हटाने के बाद भी लोगों के पहुंचने का सिलसिला अभी भी जारी है।
आश्चर्य की बात यह है कि इसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। स्थानीय नागरिक अजमल देवासी का कहना है कि तकरीबन सुबह सवा 6 बजे आसमान से कुछ गिरा, जिसकी आवाज बहुत तेज थी जैसे कोई प्लेन आकर गिरा हो। जबरदस्त धमाका हुआ हालांकि किसी को मालूम भी नहीं चला कि क्या गिरा। आसपास में देखा तो जहां पर जमीन में देखने से खड्डा बना हुआ था। यह हमारे घर के करीब 100 मीटर दूरी पर ही गिरा। गिरने के बाद हमने धातु को देखा तो तुरंत प्रशासन को सूचना दी।
जालौर में आईबी के इंस्पेक्टर मंगल सिंह का कहना है कि आसमान से तेज आवाज के साथ धातु गिरने की सूचना मिली है, जिसको देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन व उपखंड अधिकारी मौके पर पहुंचे। आसमान से गिरी धातु का वजन करीब पौने 3 किलो के आसपास था और काफी गर्म था। जब यह आसमान से गिरी तो इसको लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी सामने आईं। आसमान से गिरी वस्तु तीन घंटे बाद भी गर्म थी। ऐसे में विस्फोटक जैसी वस्तु से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रशासन ने उस वस्तु से दूर रहने की सलाह दी।
जांच करने पर सामने आई ये बात
इस धातु की जब कम्प्यूटर और मशीन से जांच की गई तो उसकी सतह में धातु की मात्रा प्लेटीनम 0.05 ग्राम, नायोबियम 0.01 ग्राम, जर्मेनियम 0.02 ग्राम, आयरन 85.86 ग्राम, कैडमियम की मात्रा 0.01 ग्राम, निकिल 10.23 ग्राम पाई गई है जिसका कुल वजन 2.788 किलोग्राम है। इस बारे में कम्प्यूटर टेस्टिंग के डायरेक्टर शैतानसिंह कारोला का कहना है कि उस उल्कापिंड की जांच में सतह से 5-6 धातुओं के बारे में पता चला है जिसमें प्लेटिनम सबसे महंगी है। प्लेटिनम का भाव करीब 5 से 6 हजार रुपये प्रतिग्राम होता है। यदि उसकी जांच करने पर अंदर भी इसी तरह का मटीरियल निकलता है तो इसकी कीमत करोड़ों में आकी जा सकती है।
विज्ञान क्या कहता है?
आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का (meteor) और साधारण बोलचाल में 'टूटते हुए तारे' अथवा 'लूका' कहते हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं। प्रायः प्रत्येक रात्रि को उल्काएँ अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, किंतु इनमें से पृथ्वी पर गिरनेवाले पिंडों की संख्या अत्यंत अल्प होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्व बहुत अधिक है क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विचरते हुए विभिन्न ग्रहों इत्यादि के संगठन और संरचना (स्ट्रक्चर) के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल ये ही पिंड हैं। इनके अध्ययन से हमें यह भी बोध होता है कि भूमंडलीय वातावरण में आकाश से आए हुए पदार्थ पर क्या-क्या प्रतिक्रियाएँ होती हैं। इस प्रकार ये पिंड ब्रह्माण्डविद्या और भूविज्ञान के बीच संपर्क स्थापित करते हैं।