मंगल ग्रह पर अब नासा कर रहा ड्रोन हेलीकॉप्टर भेजने की तैयारी, मिशन से जुड़ा हैं भारत का भी नाता
By: Ankur Thu, 30 July 2020 5:23:02
नासा एक ऐसी संस्था हैं जो अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों को जानने और तकनिकी को नए आयामों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं। अंतरिक्ष से कई रहस्य जुड़े हैं जिनके बारे में जानने के लिए नासा प्रयासरत हैं। खासतौर से मंगल ग्रह को जानने और वहां पानी की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जो कि शायद पृथ्वी के अलावा इंसानों के रहने की दूसरी जगह हो सकती हैं। इसको लेकर अब नासा अपना 'मार्स मिशन' लॉन्च करने वाली है। इस मिशन कि खासियत यह हैं कि इस बार नासा रोवर के साथ एक ड्रोन हेलीकॉप्टर भी मंगल ग्रह पर भेजेगा। इसी वजह से इस मिशन का नाम परसिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर रखा गया है।
नासा के मुताबिक, रोवर मंगल ग्रह की सतह पर चलकर जानकारियां इकट्ठा करेगा जबकि हेलीकॉप्टर उड़कर। इसमें मार्स रोवर 1000 किली वजनी है जबकि ड्रोन हेलीकॉप्टर दो किलो का है। रोवर में मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर भी लगा है, जो वहां के तापमान, धूल, वायुदाब और रेडिएशन आदि का पता लगाएगा। इससे यह जानने में आसानी होगी कि मंगल ग्रह इंसानों के रहने लायक है या नहीं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो मार्स रोवर 18 फरवरी, 2021 तक मंगल ग्रह की सतह पर उतर सकता है।
नासा का कहना है कि मार्स रोवर परमाणु ऊर्जा से चलेगा। पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। नासा के मुताबिक, यह रोवर 10 साल तक मंगल ग्रह पर काम करेगा। इसमें 23 कैमरे लगे हुए हैं। इसके अलावा सात फीट का एक रोबोटिक आर्म और एक ड्रिल मशील भी इसमें है। दरअसल, अंतरिक्ष के लगभग हर मिशन में रोवर के साथ ड्रिल मशीन जरूर भेजा जाता है ताकि वो सतह के नमूने ले सके।
रोवर और हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह के मौसम का अध्ययन करेंगे। साथ ही ये वहां कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का भी काम करेंगे। इससे भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को काफी आसानी होगी, क्योंकि उनके पास मंगल ग्रह की लगभग सभी जानकारियां होंगी।
मार्स रोवर के साथ जो ड्रोन हेलीकॉप्टर मंगल पर भेजा जा रहा है, उसका नाम इंजीन्यूटी रखा गया है। यह नाम भारतीय मूल की 17 वर्षीय वनीजा रूपाणी ने दिया है। वह अलबामा नार्थ पोर्ट में एक स्कूल में पढ़ती हैं। दरअसल, हेलीकॉप्टर का नाम क्या रखा जाए, इसको लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगियों ने भाग लिया था। इस प्रतियोगिता के अंत में वनीजा ने जो नाम सुझाया था, उसपर आधिकारिक रूप से मुहर लगा दी गई। इंजीन्यूटी का हिंदी में मतलब होता है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र।
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