अनोखी मिसाल बना ये मदरसा, बच्चो को इस्लामिक तालीम के साथ सिखाई जाती है गौसेवा
By: Priyanka Maheshwari Sat, 19 Oct 2019 7:15:54
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) के नजदीक एक ऐसा मदरसा है जहां मुस्लिम छात्र ना सिर्फ इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं बल्कि सभी मिलकर गायों की सेवा भी करते है। भोपाल से सटे तूमड़ा गांव में बना दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे में करीब 200 छात्र पढ़ते हैं। सुबह से लेकर शाम तक इन्हें इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडर्न एजुकेशन, जैसे हिंदी और इंग्लिश भी सिखाई जाती है। इसके अलावा इन छात्रों को मदरसे में देशभक्ति का भी पाठ भी पढ़ाया जाता है।
दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे के सेक्रेटरी सूफी मुशाहिद उज जमान खान चिश्ती बताते हैं कि मदरसे के संस्थापक सालों पहले यहां पालने के लिए गाय लाये थे क्योंकि उन्हें बताया गया था कि इसके घी और दूध में बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है। उसके बाद से ही उस गाय की नसलें यहां गौशाला में रह रही हैं। यहां करीब 25 गाय (Cow) और भैंस हैं। मुशाहिद बताते हैं कि इस मदरसे में पढ़ाई के साथ-साथ मुस्लिम बच्चों को गौसेवा सिखाई जाती है।
ऐसे होती है सुबह की शुरुआत
सुबह की शुरुआत मदरसे में पढ़ाई से होती है जिसके बाद छात्र बारी-बारी से गौशाला जाते हैं और गायों की सेवा करते हैं। ये छात्र गायों को रोटी भी खिलाते हैं। इसके अलावा इन गायों का दूध ही मदरसे के छात्रों को पीने के लिए भी दिया जाता है। गायों को रोजाना नहलाया जाता है और पास के जंगलों में चराने के लिए ले जाया जाता है।