क्यों रखा जाता हैं जेसीबी मशीन का रंग पीला, यहां जानें इसका राज
By: Ankur Fri, 14 Feb 2020 11:23:45
आज के समय में आपने देखा होगा कि जब भी कभी कहीं कंस्ट्रक्शन का काम होता हैं तो जेसीबी मशीन का उपयोग उस काम को आसान बनाता हैं। आपने भी जेसीबी मशीन को कई बार काम करते हुए देखा होगा। कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर भी 'जेसीबी की खुदाई' खूब वायरल हुई थी। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया हैं कि जेसीबी मशीन का रंग पीला ही क्यों होता हैं। तो आइये आज हम बताते है आपको इसके पीछे की कहानी और इसके राज के बारे में।
जेसीबी के रंग के बारे में जानने से पहले इस मशीन के बारे में कुछ अनोखी बातें भी हम जान लेते हैं। दरअसल, जेसीबी ब्रिटेन की मशीन बनाने वाली एक कंपनी है, जिसका मुख्यालय इंग्लैंड के स्टैफर्डशायर शहर में है। इसके प्लांट दुनिया के चार महाद्वीपों में हैं। जेसीबी दुनिया की पहली ऐसी मशीन है, जो बिना नाम के साल 1945 में लॉन्च हुई थी। इसको बनाने वाले ने बहुत दिनों तक इसके नाम को लेकर सोच-विचार किया, लेकिन कोई अच्छा सा नाम न मिलने के कारण इसका नाम इसके आविष्कारक 'जोसेफ सायरिल बमफोर्ड' के नाम पर ही रख दिया गया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जेसीबी पहली ऐसी निजी ब्रिटिश कंपनी थी, जिसने भारत में अपनी फैक्ट्री लगाई थी। आज के समय में जेसीबी मशीन का पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा निर्यात भारत में ही किया जाता है। साल 1945 में जोसेफ सायरिल बमफोर्ड ने सबसे पहली मशीन एक टीपिंग ट्रेलर (सामान ढोने वाला ट्रेलर) बनायी थी, जो उस वक्त बाजार में 45 पौंड यानी आज के हिसाब से करीब 4000 रुपये में बिकी थी।
दुनिया का पहला और सबसे तेज रफ्तार ट्रैक्टर 'फास्ट्रैक' जेसीबी कंपनी ने ही साल 1991 में बनायी थी। इस ट्रैक्टर की अधिकतम रफ्तार 65 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस ट्रैक्टर को 'प्रिंस ऑफ वेल्स' पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि साल 1948 में जेसीबी कंपनी में महज छह लोग काम करते थे, लेकिन आज के समय में दुनियाभर में लगभग 11 हजार कर्मचारी इस कंपनी में काम करते हैं।
शुरुआत में जेसीबी मशीनें सफेद और लाल रंग की बनती थीं, लेकिन बाद में इनका रंग पीला कर दिया गया। दरअसल, इसके पीछे तर्क ये है कि इस रंग के कारण जेसीबी खुदाई वाली जगह पर आसानी से दिख जाती है, चाहे दिन हो या रात। इससे लोगों को आसानी से पता चल जाता है कि आगे खुदाई का काम चल रहा है।