दुश्मनों को मारकर उनका खून पी जाता था यह क्रूर और निर्दयी तानाशाह, उसके शासन में मरे 5 लाख लोग
By: Ankur Mon, 16 Dec 2019 09:56:51
इस दुनिया के इतिहास में कई ऐसे शख्स हुए हैं जो अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इनमें से कुछ अच्छे काम के लिए तो कुछ बुरे काम के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो क्रूर और निर्दयी तानाशाह के रूप में जाना जाता हैं। हम बात कर रहे हैं युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन के बारे में जिसके समान शायद ही कोई इस धरती पर पैदा हुआ हो। छह फीट चार इंच लंबे और 135 किलो वजन वाले ईदी अमीन को दुनिया के सबसे क्रूर और निर्दयी तानाशाहों में गिना जाता है। अपने आठ साल के शासन काल में ईदी ने क्रूरता के इतने वीभत्स उदाहरण पेश किए जिसकी मिसाल आधुनिक इतिहास में बहुत कम ही मिलती है।
ईदी अमीन का जन्म 1925 में हुआ था, लेकिन तारीख किसी को नहीं पता। अमीन के शासन को मानव अधिकारों के दुरूपयोग, राजनीतिक दमन, जातीय उत्पीड़न, गैर कानूनी हत्याओं, पक्षपात, भ्रष्टाचार और सकल आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जाना जाता था। अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि उसके शासन में 1,00,000 से 5,00,000 लोग मार डाले गए थे।
कहा जाता है कि ईदी अमीन को एशियाई लोगों से नफरत थी। उसने अपने देश से सारे एशियाइयों को निकाल बाहर किया था। इसके पीछे उसने तर्क दिया था कि अल्लाह ने उससे कहा था कि वो सारे एशियाइयों को अपने देश से तुरंत निकाल बाहर करे। कहते हैं कि शक्तिशाली शरीर की वजह से ईदी अमीन 1951 से 1960 तक युगांडा का लाइट हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन था। साथ ही वह एक तैराक भी था। इसके अलावा वह एक खतरनाक रग्बी फॉरवर्ड भी था। एक अधिकारी के मुताबिक ईदी अमीन रग्बी का एक शानदार और अच्छा खिलाड़ी था, लेकिन उसे सिखाना कठिन था। एक अक्षर का शब्द भी उसे विस्तार से समझाना पड़ता था।
बीबीसी के मुताबिक, अमीन के इतने प्रेम संबंध थे कि उनकी गिनती करना मुश्किल है। कहा जाता है कि एक समय में उसका कम से कम 30 महिलाओं का हरम हुआ करता था जो पूरे युगांडा में फैला होता था। ये महिलाएं ज्यादातर होटलों, दफ्तरों और अस्पतालों में नर्सों के रूप में काम करती थीं। कहा जाता है कि ईदी अमीन बहुविवाह में यकीन रखता था और उसने कम से छह महिलाओं से शादी की थी, जिसमें से तीन को उसने बाद में तलाक दे दिया था। अमीन के कितने बच्चे थे, इसके बारे में ठीक-ठीक किसी को भी नहीं पता, लेकिन अधिकांश का कहना है कि उसके 30 से 45 बच्चे थे।
ईदी अमीन के शासन काल में स्वास्थ्य मंत्री रहे हेनरी केयेंबा ने एक किताब लिखी थी 'अ स्टेट ऑफ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ ईदी अमीन'। इस किताब में उन्होंने अमीन की दरिंदगी बयां की है। उन्होंने लिखा है कि एक बार अमीन अस्पताल के मुर्दाघर में गया था, जहां उसके दुश्मनों के शव रखे गए थे। उसने उन शवों के साथ क्या किया, यह तो किसी ने नहीं देखा, लेकिन कुछ युगांडावासियों का मानना है कि उसने अपने दुश्मन का खून पिया, जैसा कि काकवा जनजाति में प्रथा है। अमीन काकवा जनजाति से आता था।
केयेंबा ने अपनी किताब में लिखा है, 'कई बार राष्ट्रपति और दूसरे लोगों के सामने अमीन ने शेखी बघारी थी कि उसने इंसानों का मांस खाया है। मुझे याद है अगस्त 1975 में जब अमीन कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी जाएर यात्रा के बारे में बता रहा था तो उसने कहा कि वहां उसे बंदर का गोश्त परोसा गया जो कि मानव के गोश्त से अच्छा नहीं था। लड़ाई के दौरान अक्सर होता है कि आपका साथी सैनिक घायल हो जाता है। ऐसे में उसको मार कर खा जाने से आप भुखमरी से बच सकते हैं।'
बीबीसी के मुताबिक, अमीन के समय में युगांडा में भारत के उच्चायुक्त रहे मदनजीत सिंह ने अपनी किताब 'कल्चर ऑफ द सेपल्करे' में लिखा है कि अमीन के पुराने घर कमांड पोस्ट में एक कमरा हमेशा बंद रहता था। उसमें सिर्फ अमीन के एक पुराने नौकर मोजेज अलोगा को ही जाने की इजाजत थी और वो भी उसे साफ करने के लिए। एक बार अमीन की पांचवीं बीबी सारा क्योलाबा जबरदस्ती उस कमरे में चली गई थी। उसने देखा कि कमरे में दो रेफ्रीजरेटर रखे हुए थे। जब उसने एक रेफ्रीजरेटर खोला तो वो चिल्ला कर बेहोश हो गई। उसमें उसके एक पूर्व प्रेमी जीज गिटा का कटा हुआ सिर रखा हुआ था। कहते हैं कि सारा के प्रेमी की तरह अमीन ने कई और महिलाओं के प्रेमियों के सिर कटवाए थे।
अपने आखिरी दिन ईदी अमीन ने सऊदी अरब में गुजारे थे। 16 अगस्त 2003 को 78 वर्ष की आयु में जेद्दा के अस्पताल में अमीन की मौत हो गई। उसे जेद्दा में ही रुवैस कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उसे अपने देश की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई।