आखिर क्यों इस संन्यासी की सुरक्षा में तैनात रहते थे 25-30 गार्ड, नाम गोल्डन बाबा
By: Ankur Fri, 03 July 2020 4:57:05
आपने देखा होगा कि संन्यासी लोग भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं और मोह-माया से दूरी बनाकर रखते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे संन्यासी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हमेशा अपने शरीर पर कई किलो सोना लादे रहते थे और लग्जरी कारों के साथ कांवड़ यात्रा भी लेकर निकलते थे। हम बात कर रहे हैं गोल्डन बाबा नाम से मशहूर सुधीर मक्कड़ की जिनकी कुछ दिन पहले ही मौत हो गई हैं। गोल्डन बाबा लंबी बीमारी से जूझ रहे थे, जिनका इलाज एम्स में चल रहा था। बता दें कि गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़, जो मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे। संन्यासी बनने से पहले गोल्डन बाबा का दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार था।
सुधीर कुमार मक्कड़ को 1972 से ही सोना पहनना काफी पसंद था। गोल्डन बाबा करोड़ों रुपए के सोने के आभूषण पहनते थे, जिसके कारण वो हमेशा सुर्खियों में बने रहते थे। गोल्डन बाबा हर साल कई किलो सोना पहनकर और लग्जरी कारों के साथ कांवड़ यात्रा भी लेकर निकलते थे।
दिल्ली के गांधीनगर इलाके में रहने वाले लोगों के मुताबिक, गोल्डन बाबा पेशे से दर्जी थे। गांधीनगर में उनका कपड़ों का कारोबार था। लेकिन उनको कपड़ों का कारोबार उतना रास नहीं आया। इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ इस काम को छोड़कर हरिद्वार चले गए और हर की पौड़ी में फूलमाला और कपड़े बेचना शुरू किया। लेकिन कुछ ही दिन में उन्होंने इस काम को भी छोड़ दिया। इसके बाद वो प्रॉपर्टी कारोबार में उतर गए। इस कारोबार में पैसा कमाने के बाद उन्होंने साल 2013-14 में यह काम बंद कर दिया। इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ ने दिल्ली स्थित गांधीनगर की अशोक गली में अपना आश्रम बना लिया। कहा जाता है कि साल 2013 में वे सुधीर मक्कड़ से गोल्डन बाबा हो गए।
गोल्डन बाबा सोने की अंगूठी, बाजुओं में सोने का बना बाजुबंद, गले में चेन और कई देवी-देवताओं के लॉकेट पहनते थे। गोल्डन बाबा की सुरक्षा के लिए हमेशा 25 से 30 गार्ड तैनात रहते थे। गोल्डन बाबा पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान 16 किलो सोना पहना था, जबकि इससे पिछली कांवड़ यात्रा के दौरान वो 20 किलो सोना पहनकर कांवड़ यात्रा के लिए निकले थे। चार किलो कम सोना पहनने के पीछे गोल्डन बाबा ने अपनी खराब सेहत को वजह बताया था।