इस बैंक में दिया जा रहा न्यूड सेल्फी के बदले लोन, ना चुकाने पर फोटो होगी लीक
By: Ankur Thu, 14 Nov 2019 10:49:05
आपने बैंक से मिलने वाले कई लोन के बारे में सुना होगा जो व्यक्ति की जरूरत के समय काम आते हैं। हांलाकि इसके लिए बैंक गारंटी के तौर पर आपकी संपत्ति का कीमती वास्तु को गिरवी रखता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिना किसी गारंटी के लोन दे रहा हैं बस युवक-युवतियों से कर्ज देने के बदले न्यूड सेल्फी की मांग की जाती हैं। खबर यह भी है कि यदि कर्ज लेने के बाद उसका भुगतान समय पर नहीं किया या फिर उसे चुकाने में किसी तरह की कोई कोताही बरती, तो कर्ज देने वाली कंपनियां या बैंक गिरवी के तौर पर उनके पास रखी न्यूड सेल्फी को लीक भी कर दे रही हैं।
चीनी मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी है कि लोन फॉर पॉर्न की इस स्कीम को कैपिटल्स की वेबसाइट पर चलाने की खबर है। लेकिन इस मामले में लोगों की अपनी-अपनी सोच है। क्योंकि कई लड़के-लड़कियां ऐसी हैं, जो इस तरह के लोन के लिए राजी थीं और उन्होंने बेहिचक अपनी न्यूड तस्वीर बैंक को सौंप दी है। इस तस्वीर के बदले लड़के-लड़कियों को मुंहमांगा लोन दिया गया है।
वाइस ऑस्ट्रेलिया की खबर के अनुसार, ऑनलाइन कर्ज देने वाली कंपनियों ने इस तरीके को सबसे ज्यादा अपनाया है। कर्ज की मांग करने वाले युवाओं से ये कंपनियां अथवा बैंक कहते हैं कि गिरवी रखने के लिए वे न्यूड सेल्फी भेंजें। साथ ही यदि समय पर कर्ज का भुगतान नहीं किया जाता है, तो ये कंपनियां गिरवी रखी गयी सेल्फी को उनके परिवार और दोस्तों के बीच लीक करने की धमकी भी देती हैं। वहीं, कई कंपनियां दिये गये कर्ज पर ज्यादा ब्याज भी वसूलना शुरू कर देती हैं। चीन में इस तरह की लेन देन को नेकेड लोन सर्विस के नाम से जाना जाता है।
चाइना यूथ डेली की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2016 में कर्ज देने वाली छोटी-छोटी कंपनियों ने करीब 161 युवक-युवतियों की न्यूड तस्वीरों अथवा वीडियो का 10 जीबी डेटा लीक कर दिया था। इनमें से ज्यादातर युवक-युवतियों की उम्र 19 से 23 साल के बीच थी। इन युवक-युवतियों ने कर्ज देने वाली कंपनियों से 1000 से लेकर 2000 डॉलर तक कर्ज लिया था।
इन लोगों ने अपनी फोटो आईडी के साथ न्यूड तस्वीरें दी थीं। यह तरीका इस कदर फैल चुका है कि पिछले साल चीन के आर्थिक नियामक को बिना अनुमति लोन देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। सरकार की कार्रवाई के बाद भी सोशल मीडिया के जरिए यह काम धड़ल्ले से चल रहा है।