यहां हाथ से नहीं बल्कि छुरे से की जाती हैं मसाज, आप भी रह जाएंगे हैरान
By: Ankur Mon, 22 June 2020 4:24:22
अक्सर जब भी कभी थकान होती हैं तो लोग मसाज करवाना पसंद करते हैं जिससे आराम मिलता हैं और थकान दूर होती हैं। लोग इसके लिए मसाज पार्लर जाना पसंद करते हैं। लेकिन जरा सोचिए कि मसाज के दौरान आपके चहरे पर कोई मांस या फल-सब्जी काटने वाला बड़ा छुरा रखता हैं तो डर जरूर महसूस होगा। लेकिन आज हम आपको ऐसी मसाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो छुरे से ही की जाती हैं।
पूर्वी एशियाई देश ताइवान के मसाज पार्लरों में छुरे से बड़े पैमाने पर लोगों का मसाज किया जाता है। इसे 'डाउलियाओ' कहते हैं, जिसका चीनी जबान में मतलब होता है, 'छुरे से मसाज' या 'नाइफ थेरेपी'। चीनी औषधि विज्ञान में इसका काफी चलन है। वहां छुरे से मसाज का ये सिलसिला करीब 2000 साल पुराना है। इसकी शुरुआत बौद्ध भिक्षुओं ने की थी।
करीब एक हजार साल पहले तांग वंश के जमाने में ये थेरेपी जापान में भी खूब फली फूली। 1940 के दशक में चीन के गृह युद्ध के दौरान छुरे से मसाज की ये परंपरा ताइवान जा पहुंची। हालांकि आज चीन और जापान में इस थेरेपी का चलन लगभग खत्म हो गया है, लेकिन ताइवान में ये अभी भी खूब लोकप्रिय है। ताइवान की राजधानी ताइपेई में इस थेरेपी को सिखाने के लिए एक एजुकेशन सेंटर भी खोला गया है।
इसका नाम है, द एनशिएंट आर्टऑफ नाइफ मसाज डाओलियाओ आई-जिंग एजुकेशनल सेंटर। पूरे ताइवान में इस एजुकेशन सेंटर की करीब 36 शाखाएं हैं। इनमें से 15 तो पिछले पांच वर्षों में ही खोली गई हैं। यहां सारी दुनिया के लोगों को छुरे से मसाज की कला सिखाई जाती है। फ्रांस, कनाडा, हांगकांग और जापान से लोग इस थेरेपी को सीखने ताइवान आते हैं।
आज लोग इन मसाज नाइफ का इस्तेमाल जख्म ठीक करने, नींद बेहतर करने और शरीर के पुराने दर्द ठीक करने में भी कर रहे हैं। चीनी औषधि विज्ञान में जिस तरह एक्यूप्रेशर थेरेपी की जाती है, ठीक उसी तरह नाइफ थेरेपी में प्रेशर प्वाइंट को टारगेट किया जाता है। इन्हें क्यूआई-डोर्स कहते हैं।