नई रेल लाइन से 10 घंटे में पूरा होगा अगरतला- कोलकाता के बीच सफर, दूरी 1650 किलोमीटर से घटकर करीब 550 किलोमीटर रह जाएगी

By: Pinki Mon, 14 May 2018 08:42:46

नई रेल लाइन से 10 घंटे में पूरा होगा अगरतला- कोलकाता के बीच सफर, दूरी 1650 किलोमीटर से घटकर करीब 550 किलोमीटर रह जाएगी

नई अखौरा रेल लाइन के बनने से अगरतला और कोलकाता के बीच की दूरी महज 10 घंटे में पूरी की जा सकेगी। अभी तक इन दो शहरों के बीच रेल के सफर में 31 घंटे लगते हैं जिसमें ट्रेन 1650 किलोमीटर की दूरी तय करती है। वर्तमान में ट्रेन गुवाहाटी होते हुए कोलकाता जाती है जबकि नई रेल लाइन गुवाहाटी के जरिए बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रास्ते कोलकाता पहुंचेगी।

570 करोड़ रूपए की परियोजना के चीफ इंजीनियर एम एस चौहान ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोलकाता मुख्य शहर है लेकिन अभी इस शहर से कोई सीधा संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि नई रेल लाइन से न सिर्फ अगरतला बल्कि मिजोरम के लोगों को भी फायदा होगा। 15.5किलोमीटर की लाइन रेलवे 5.5 किलोमीटर अपने देश में और 6.5 किलोमीटर बांग्लादेश में लाइन बिछाऐगी। इसका खर्च विदेश मंत्रालय देगा।

इस नई रेल लाइन से न केवल त्रिपुरा के लोगों को बल्कि मिजोरम के यात्रियों के लिए सुविधा होगी। हालांकि सफर के दौरान निश्चिंतपुर (भारत) और गंगासागर (बांग्लादेश) में यात्रियों की सुरक्षा जांच होगी।

यह रूट कोलकाता और अगरतला के बीच मालवाहक का भी काम करेगा जिससे सामान एक तिहाई समय में लाया और ले जाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया की अगरतला में ट्रांसपोर्ट यार्ड और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट भी भारत में ही बनने का प्रस्ताव है। इसकी अनुमानित लागत 967.50 करोड़ है।

भारत और बांग्लादेश के बीच फिलहाल चार रेल संपर्क हैं जिसमें से दो राधिकापुर- बिरल और सिंघाबाद-रोहनपुर रेल मार्ग नेपाली पारगमन यातायात में भी इस्तेमाल होते हैं। 2015 में बांग्लादेश से भारत आने वाले रेल यात्रियों की संख्या 7.5 लाख थी जो 2016 में बढ़ कर 9.33 लाख हो गई। 2017 के शुरुआती छह महीनों में 7 लाख बांग्लादेशियों ने भारत की यात्रा की।

भूटान तक रेल रूट

भारतीय रेलवे का नेटवर्क भूटान तक भी पहुँचेगा। अभी तक भूटान के लिए कोई रेल लिंक नहीं है। विदेश मंत्रालय ने रेलवे को पांच जगहों पर अध्ययन करने को कहा है। इस कड़ी में असम के कोकराझार से गेलफु भूटान तक 57.70 किलोमीटर रेल लाइन बिछेगी।

इसी तरह असम के पाठशाला से नंगल- भूटान तक 51.5 किलोमीटर लाइन बिछेगी। असम के रंगिया से भूटान के समद्रंपंजकर तक 48.4 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल के बानरहाट से भूटान के समत्से, हाशिमपुरा से फुटशोलिंग तक लाइन बिछेगी। पूर्वोत्तर सीमा रेल के महाप्रबंधक संजीव रॉय के अनुसार अध्ययन रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया है।

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