गले मिलकर PM मोदी ने किया राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, S-400 मिसाइल डील पर रहेगा फोकस

By: Pinki Thu, 04 Oct 2018 11:41:02

गले मिलकर PM मोदी ने किया राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, S-400 मिसाइल डील पर रहेगा फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। पुतिन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी अगवानी की। एयरपोर्ट से निकलकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे, जहां भारतीय प्रधानमंत्री ने गले मिलकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने साथ डिनर किया। 19वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन यहां शुक्रवार को होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी और अंग्रेजी भाषाओं में ट्वीट किया, 'भारत में आपका स्वागत है राष्ट्रपति पुतिन। हमारी बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और मजबूत होंगे।' दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के स्वागत में अपने सरकारी आवास पर डिनर का आयोजन किया। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक मुद्दों सहित अन्य ज्वलनशील मुद्दों पर चर्चा हुई।

रूसी रक्षा कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर मोदी और पुतिन के इसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है। दोनों नेताओं के ईरानी कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है। यात्रा के दौरान जोर 'एस-400 ट्राइअम्फ' मिसाइल प्रणाली समझौते पर होगा। क्रेमलिन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि इस यात्रा की खास बात एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत है और यह करार पांच अरब डॉलर का होगा। इससे पहले अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद फरोख्त के समझौते की दिशा में बढ़ने से आगाह किया है और संकेत दिया है कि ऐसे मामले में वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है। अमेरिका की यह चेतावनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले आई थी, जिसमें दोनों देशों के बीच हथियार प्रणालियों का बड़ा समझौता होने की संभावनाएं जताई जा रही है। अमेरिका का कहना है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता रूस के साथ एक 'महत्वपूर्ण' व्यापार समझौता माना जाएगा। अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है।

अमेरिकी सरकार 'अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम' (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ 'महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन' करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है। इस अधिनियम के तहत अमेरिका प्रतिबंधित देशों, खास कर रूस के तेल एवं गैस उद्योग, रक्षा एवं सुरक्षा उद्योग और वित्तीय संस्थान उद्योग से जुड़े हितों को लक्ष्य पर रखता है। अमेरिका ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप और यूक्रेन में उसके सैन्य हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि में यह अधिनियम लागू किया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था, 'हम अपने सभी सहयोगी और साझेदारों से अनुरोध करते हैं कि वह रूस के साथ किसी तरह के लेनदेन से बचें ताकि उन पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध नहीं लगाना पड़े।' भारत के रूस से एस-400 प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली को खरीदने की योजना के बारे में सवाल पर प्रवक्ता ने कहा, 'सरकार ने संकेत दिया है कि सीएएटीएसए की धारा 231 लगाए जाने के मामले में मुख्य ध्यान क्षमता में नया या गुणात्मक उन्नयन को देखा जाता है-इसमें एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली भी शामिल है।

बता दें कि दिल्ली में शुक्रवार को 19वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन होगा। रूसी रक्षा कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर मोदी और पुतिन के इसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com