हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर देश में गुस्सा, अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन, आज पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे राहुल-प्रियंका
By: Pinki Thu, 01 Oct 2020 10:48:04
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई युवती को इंसाफ दिलाने के लिए देशभर में गुस्सा फूट पड़ा है। ऐसे में मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। पीड़िता की मौत के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसपर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। राजनीतिक दलों ने यूपी सरकार को निशाने पर लिया है। इस घमासान के बीच गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से हाथरस में मुलाकात करेंगे। उधर, दोनों नेताओं के हाथरस आने की सूचना पर प्रशासन अलर्ट हो गया है। खबर है कि जिला प्रशासन राहुल और प्रियंका को बॉर्डर पर ही रोकने की तैयारी कर रहा है। उधर, हाथरस और बलरामपुर कांड पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस वार्ता बुलाई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस जाने की तैयारी पर डीएम पी लक्षकार ने कहा कि हाथरस की सीमाएं सील हैं। जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। ऐसे में एक जगह पर पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। हमें प्रियंका गांधी की यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एसआईटी आज पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेगी। इस दौरान मीडिया को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रियंका का योगी सरकार पर हमला
प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से यूपी सरकार पर निशाना साधा गया है। प्रियंका गांधी ने गुरुवार सुबह ट्वीट करके कहा, 'हाथरस जैसी वीभत्स घटना बलरामपुर में घटी। लड़की का बलात्कार कर पैर और कमर तोड़ दी गई। आजमगढ़, बागपत, बुलंदशहर में बच्चियों से दरिंदगी हुई। यूपी में फैले जंगलराज की हद नहीं। मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती। ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। जनता को जवाब चाहिए।' बता दे, इससे पहले जब पीड़िता की मौत हुई थी, तो प्रियंका ने पीड़िता के परिवार से फोन पर बात की थी। इस मामले के सामने आने के बाद प्रियंका ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है।
आम आदमी पार्टी की ओर से गुरुवार को ही मुंबई में प्रदर्शन किया जाएगा और हाथरस की निर्भया के लिए इंसाफ की अपील की जाएगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाथरस गैंगरेप-मर्डर केस की घटना पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए घटना की विस्तृत रिपोर्ट 4 सप्ताह में देने को कहा है। आयोग ने ये रिपोर्ट महाराष्ट्र के एक वकील की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मांगी है। महाराष्ट्र के एक वकील आदित्य मिश्रा ने आयोग से की गई शिकायत में मांग की है कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई शुरू की जाए और अगर इस केस में किसी भी पुलिस अधिकारी की भूमिका पाई जाती है, तो उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ तत्काल न्याय के सर्वोच्च हित में अंतरिम निलंबन आदेश के साथ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।
SIT ने शुरू की अपनी जांच
इस बीच प्रदेश सरकार ने जिस SIT का गठन किया है, उसने अपनी जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एसआईटी टीम बनाई है। गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में एसआईटी की टीम ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। जिसके बाद जानकारी दी गई है कि टीम की ओर से शुरुआती जांच शुरू कर दी गई है, सात दिन के अंदर हर पहलू पर मंथन किया जाएगा और रिपोर्ट दी जाएगी। तीन सदस्यों की एसआईटी टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आगरा पीएसी की सेनानायक पूनम सदस्य होंगे। सीएम ने अभियुक्तों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए भी कहा है।
पीड़िता के परिवार को 25 लाख व नौकरी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस के पीड़ित परिवार से विडियो कॉल के जरिए बात भी की। पीड़िता के पिता ने सीएम से आरोपितों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की। सीएम ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और प्रशासन को हर संभव मदद के निर्देश दिए हैं। सीएम ने पीड़िता के परिवार के लिए 25 लाख रुपये की मदद की भी घोषणा की। साथ ही परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी देने के साथ सूडा योजना से एक घर देने को भी कहा है।
दिल्ली की निर्भया की मां ने बढ़ाया मदद का हाथ
दूसरी ओर दिल्ली गैंगरेप की निर्भया की मां आशा देवी की हाथरस जाने की खबरें थीं। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया है। आशा देवी ने कहा कि अभी हाथरस में पीड़िता के घर पर भारी पुलिस बल तैनात है, साथ ही कोरोना भी है, इसलिए वहां जाने का उनका अभी इरादा नहीं है।
हालांकि, आशा देवी ने कहा कि पीड़िता का परिवार अगर चाहेगा, या न्याय दिलाने में परिवार को उनकी मदद चाहिए होगी तो वो हाथरस में अपनी बेटी खो चुके परिवार की हर संभव मदद करेगी।
आशा देवी ने कहा है कि परिवार की दुःख की घड़ी में उनको अन्दाजा है कि उन लोगों पर क्या बीत रही होगी, क्योंकि वो खुद भी इन दर्द से बरसों गुजरी हैं। आशा देवी ने कहा कि आरोपियों से क़ानून को उसी सख्ती से निपटने की जरूरत है, जैसे निर्भया के दोषियों को सज़ा दी गई थी।
गौरतलब है कि हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था। करीब पंद्रह दिन तक संघर्ष करने के बाद दिल्ली में युवती की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने हाथरस पहुंचकर खुद ही युवती के शव को जला दिया, जबकि परिवार को अंतिम दर्शन और संस्कार नहीं करने दिया गया।
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