भारत आने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने लगाया नारा, बोले - मोदी है तो मुमकिन है...
By: Pinki Thu, 13 June 2019 10:51:47
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) इसी महीने भारत आने वाले है। पोम्पिओ (Mike Pompeo) नयी दिल्ली की अपनी यात्रा और मोदी एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात को लेकर काफी उत्सुक है। पोम्पिओ ने लोकसभा चुनाव के लोकप्रिय नारे ‘‘मोदी है तो मुमकिन है’’ का जिक्र करते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को अगले चरण पर ले जाने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मोदी प्रशासन के पास ऐसा करने का ‘‘अद्वितीय अवसर’’ है। माइक पोम्पेओ (Mike Pompeo) ने बुधवार को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट में भाषण दिया। उन्होंने कहा, ''जैसा प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान नारा दिया 'मोदी है तो मुमकिन है' या 'मोदी मेक्स इट पॉसिबल', मैं भी भारत और अमेरिका के बीच संबंध को आगे बढ़ते देख रहा हूं।'' पोम्पिओ 24 से 30 जून तक भारत, श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करेंगे। पोम्पिओ नयी दिल्ली से कोलंबो जाएंगे जहां वह ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ श्रीलंका के लोगों के प्रति अमेरिकी एकजुटता भी प्रदर्शित करेंगे। इसके बाद पोम्पिओ जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में ओसाका जाएंगे। यात्रा के अंत में वह दक्षिण कोरिया जाएंगे।
#WATCH: US Secretary of State Mike Pompeo, at the India Ideas Summit, in the US says, "...as Prime Minister Modi said in his latest campaign, he said 'Modi hai to mumkin hai', Modi makes it possible. I'm looking forward to exploring what's possible between our people." pic.twitter.com/jgta6OhhQd
— ANI (@ANI) June 12, 2019
उन्होंने अपने भारत मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि उनका वास्तव में मानना है कि दोनों देशों के पास अपने लोगों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की भलाई के लिए एक साथ आगे बढ़ने का अद्वितीय मौका है। पोम्पिओ ने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका रक्षा सहयोग को एक नए आयाम पर लेकर गया है, उन्होंने हिंद-प्रशांत के लिए साझे दृष्टिकोण को मजबूत किया है और आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के अस्वीकार्य सहयोग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
पोम्पिओ ने कहा कि अब ट्रम्प और मोदी प्रशासन के पास ‘‘इस विशेष साझेदारी को और आगे ले जाने का अद्वितीय अवसर’’ है। उन्होंने कहा कि उनके पास अपने नए समकक्ष जयशंकर के रूप में मजबूत साझीदार है। जयशंकर अमेरिका में भारत के राजदूत भी रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने अप्रैल में अपने एक भाषण में कहा था कि वह अमेरिका के साथ और अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं और यह भावना दोनों ओर से है। हम आगे बढ़ना चाहते हैं।’’ पोम्पिओ ने कहा कि इसके लिए दोनों देशों को अब तक के सबसे मजबूत संबंध बनाने होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत संबंध बनाने का मतलब इन व्यक्तिगत मित्रवत संबंधों को आधिकारिक बनाना है। हमने पिछले साल रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर ‘2 प्लस 2 वार्ता’ शुरू की थी। हमने हिंद-प्रशांत में एक जैसी सोच रखने वाले लोकतांत्रिक देशों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के बीच चतुर्भुज संवाद (क्वाड डायलॉग) में भी फिर से जान फूंकी है। ये सभी अच्छे कदम हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को ऐसे सामरिक ढांचे को अपनाना होगा जो दोनों देशों के लिए कारगर हो।
पोम्पिओ ने कहा, ‘‘हम एक संप्रभु ताकत के तौर पर भारत का सम्मान करते हैं, जिसकी अपनी अनूठी राजनीति और सामरिक चुनौतियां हैं। हम समझते हैं कि चीन या पाकिस्तान जैसे देशों से महासागर पार के बजाए सीमा पार से निपटना अधिक मुश्किल है।’’ पोम्पिओ ने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है कि दुनिया में सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश को दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के साथ हाथ मिलाना चाहिए ताकि वे हिंद-प्रशांत के लिए अपनी साझी सोच को आगे ले जा सकें।’’ पोम्पिओ ने कहा, ‘‘तीसरा, हमें यह करके दिखाना होगा।’’
उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने सशस्त्र यूएवी और बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों जैसे अत्याधुनिक रक्षा मंचों समेत भारत को उच्च तकनीक की अधिक वस्तुओं के निर्यात के लिए अमेरिकी कंपनियों को सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘ये बड़ी उपलब्धियां हैं, लेकिन हम और हासिल करना चाहते हैं। रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष में हमारे स्पष्ट रूप से साझे हित हैं।’’
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्तागस ने मंगलवार को कहा कि पोम्पिओ की हिंद-प्रशांत के चार देशों की यात्रा का मकसद अमेरिका की महत्वपूर्ण देशों के साथ साझेदारियों को और मजबूत करना है ताकि मुक्त और निर्बाध हिंद-प्रशांत के साझा लक्ष्य को पाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी को चुनावों में हाल में मिली जीत ने वैश्विक मंच पर अहम भूमिका निभाने वाले सशक्त एवं समृद्ध भारत के लिए अपने दृष्टिकोण को लागू करने के लिए सुअवसर प्रदान किया है।''
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी का जापान के ओसाका में 28-29 जून को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के इतर भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है।