महाराष्ट्र / शुरू हुआ दुनिया की सबसे बड़ी प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल, 500 लोगों का किया जा रहा इलाज

By: Pinki Mon, 29 June 2020 5:04:33

 महाराष्ट्र / शुरू हुआ दुनिया की सबसे बड़ी प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल, 500 लोगों का किया जा रहा इलाज

महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना के एक दिन में रिकॉर्ड 5 हजार 493 नए मामले सामने आए थे। संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1,64,626 हो गई है। राज्य में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 7 हजार 429 हो गया है। अभी 70 हजार 607 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं, राज्य में बढ़ते कोरोना मरीजों के बीच आज से दुनिया की सबसे बड़ी प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल शुरू हुआ है। 'प्रोजेक्ट प्लेटिना' नाम की इस प्लाज्मा थैरेपी में एक साथ 500 मरीजों को इलाज किया जाएगा। इसमें इन सभी मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी की दो डोज दी गईं है। उम्मीद की जा रही है कि अगर इस थैरेपी के रिजल्ट अच्छे मिले तो इस थैरेपी को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से बताया गया है कि इस थैरेपी के लिए 75 करोड़ का बजट रखा गया है और इसका पूरा खर्चा सरकार उठाएगी।

मृत्यु दर को कम करना मकसद

इस प्लाज्मा थैरेपी का उद्देश्य मृत्यु दर को कम करना है। सरकार की ओर से ट्रायल के आधार पर दावा किया जा रहा है कि 10 में से 9 मरीज प्लाज्मा थैरेपी से ठीक हो रहे हैं। सरकार का दावा है कि मुंबई के लीलावती अस्पताल में पहली प्लाज्मा थैरेपी सफल रही थी। उसके बाद मुंबई में ही बीवाईएल नायर अस्पताल में एक अन्य मरीज पर दूसरा प्रयोग किया गया। इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री ठाकरे ने देश की सबसे बड़ी प्लाज्मा थैरेपी ट्रायल की जानकारी दी थी। उन्होंने लोगों से आगे आकर प्लाज्मा दान करने की अपील की। इसके बाद पुलिस डिपार्टमेंट से ठीक हुए कई सौ लोगों ने प्लाज्मा दान किया।

ऐसे मरीज जो हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं, उनके शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम ऐसे एंटीबॉडीज बनाता है जो ताउम्र रहते हैं। ये एंटीबॉडीज ब्लड प्लाज्मा में मौजूद रहते हैं। इसे दवा में तब्दील करने के लिए ब्लड से प्लाज्मा को अलग किया जाता है और बाद में इनसे एंटीबॉडीज निकाली जाती हैं। ये एंटीबॉडीज नए मरीज के शरीर में इंजेक्ट की जाती हैं, इसे प्लाज्मा डेराइव्ड थैरेपी कहते हैं। यह मरीज के शरीर को तब तक रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है जब तक उसका शरीर खुद ये तैयार करने के लायक न बन जाए।

एंटीबॉडीज क्या होती है?

ये प्रोटीन से बनी खास तरह की इम्यून (Immune) कोशिशकाएं होती हैं जिसे बी-लिम्फोसाइट कहते हैं। जब भी शरीर में कोई बाहरी चीज (फॉरेन बॉडीज) पहुंचती हैं तो ये अलर्ट हो जाती हैं। बैक्टीरिया या वायरस द्वारा रिलीज किए गए विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करने का काम यही एंटीबॉडीज करती हैं। इस तरह ये रोगाणुओं के असर को बेअसर करती हैं। जैसे कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में खास तरह की एंटीबॉडीज बन चुकी है, जब इसे ब्लड से निकालकर दूसरे संक्रमित मरीज में इजेक्ट किया जाएगा तो वह भी कोरोना वायरस को हरा सकेगा।

31 जुलाई तक बढ़ाया लॉकडाउन

बता दे, राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए राज्य में संबंधित नगर निगमों के आयुक्त और जिला कलेक्टरों कुछ गैर-आवश्यक गतिविधियों और व्यक्तियों की आवाजाही पर निर्दिष्ट स्थानीय क्षेत्रों में कुछ उपायों और आवश्यक प्रतिबंधों को लागू कर सकते हैं। सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि आपातकालीन, स्वास्थ्य और चिकित्सा, कोषागार, आपदा प्रबंधन, पुलिस जैसे सरकारी कार्यालय 15 प्रतिशत क्षमता या फिर 15 व्यक्तियों (जो अधिक हो) के साथ काम करेंगे। सभी निजी कार्यालय 10% क्षमता या 10 लोग जो भी अधिक हो, के साथ काम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मामले के आधार पर ढील दी जाएगी। उदाहरण के लिए यात्री परिवहन पर कुछ पाबंदियां जारी रहेंगी लेकिन कुछ स्थानीय सेवाओं को अनुमति दी जाएगी।'

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com