POCSO एक्ट में बदलाव के बाद स्वाति मालीवाल ने 10 दिन की भूख हड़ताल के बाद तोड़ा अनशन

By: Priyanka Maheshwari Sun, 22 Apr 2018 4:09:45

POCSO एक्ट में बदलाव के बाद स्वाति मालीवाल ने 10 दिन की भूख हड़ताल के बाद तोड़ा अनशन

पिछले 10 से भूख हड़ताल पर बैठीं स्वाति मालीवाल ने रविवार को अपना अनशन तोड़ दिया। 12 साल से छोटी उम्र की बच्‍ची से रेप पर फांसी की सजा की मांग को लेकर स्वाती मालीवाल बीते 10 दिनों ने राजघाट पर अनशन पर बैठी थीं। उन्होंने बच्चों के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा। अनशन खत्म करने के बाद स्वाती मालीवाल ने कहा कि अगर मोदी सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तो उनका अनशन आगे भी जारी रहता।

पोक्सो एक्ट में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने अनशन समाप्त करने का फैसला लिया था। एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने के फैसले पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया साथ ही जीत के लिए देश की जनता को बधाई दी थी।

अनशन खत्म करने के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा- "मेरी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए कुछ दिन अस्पताल में रहना होगा। अस्पताल से निकलने के बाद एक सिस्टम तैयार करेंगे, ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें।" इस दौरान मंच पर निर्भया के माता पिता के अलावा नेता अली अनवर भी मौजूद रहे।

पोक्सो एक्ट में बदलाव को लेकर लाए गए अध्यादेश को मंजूरी मिलने पर उन्होंने कहा था कि अभी सिर्फ आधी मांग पूरी हुई है, अभी भी 6 माह का प्रावधान नहीं जोड़ा गया है। हालांकि देर शाम उन्होंने अनशन रविवार को तोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि बहुत कम आंदोलनों ने इतने कम समय में सफलता पाई है। अध्यादेश में हमारी ज्यादातर मांगों को जगह मिली है।

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राष्ट्रपति ने दी अध्यादेश को मंजूरी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छोटी बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेपिस्टों को मृत्युदंड देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अब यह कानून देश में मान्य होगा और 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ रेप करने पर अपराधी को फांसी की सजा मिलेगी।

अनशन खत्म करने के लिए स्वाति मालीवाल ने 6 मांगे रखी थीं


# 6 महीने के अंदर फांसी की सजा के लिए कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित हो।

# कानून में यह सुनिश्चित करें कि देश भर की सरकारें पुलिस में नियुक्ति तुरंत संयुक्त राष्ट्र के मानकों के हिसाब से करेंगी और पुलिस की जवाबदेही भी तय करेंगी।

#सालों से अटकी दिल्ली पुलिस की संसाधनों की फाइलों पुर तुरंत कार्यवाही करे। 14000 कर्मियों की फाइल जो गृह मंत्रालय से पारित होकर वित् मत्रालय में रुकी हुई है तुरंत पारित हो, लगभग 40,000 कर्मियों की फाइल जो गृह मंत्रालय में है उस पर केंद्र सरकार समयबद्द योजना घोषित करे।

# देश भर की पुलिस के लिए बनाए जा रहे सॉफ्टवेयर के पूर्ण रूप से संचालन की तुरंत समय सीमा तय हो।

# देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बढ़ाये जायें।इसके लिए केंद्र रूपरेखा बताये।साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली में संचालित व प्रस्तावित फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स के लिए केंद्र सरकार अपने हिस्से का 50% फण्ड प्रदान करे जो 5 साल से नहीं दिया गया है।

# दिल्ली में एक उच्चस्तरीय कमिटी तुरंत गठित की जाये जिसमे गृह मंत्री, उपराज्यपाल, मुख्मंत्री, महिला आयोग व् पुलिस कमिश्नर शामिल हो जो हर महीने देश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा का जायजा ले।

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