राफेल सौदे की जांच कराने में सुप्रीम कोर्ट तैयार नहीं, खारिज की सभी याचिकाएं, कुछ खास बातें
By: Priyanka Maheshwari Fri, 14 Dec 2018 12:23:04
राफेल सौदे की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार नहीं है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राफेल सौदे (Rafale deal) से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर शक करने की कोई वजह नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी। देश के प्रधान न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, पसंद का ऑफसेट पार्टनर चुने जाने में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है, और व्यक्तिगत सोच के आधार पर रक्षा खरीद जैसे संवेदनशील मामलों में जांच नहीं करवाई जा सकती। हम सरकार को 126 विमान खरीदने पर बाध्य नहीं कर सकते। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मोदी सरकार को भारी राहत पहुंची है। विपक्षी दलों सहित कांग्रेस राफेल सौदे पर कथित घोटाले को लेकर सरकार पर मुखर होकर हमले करती रही। जिससे कई बार सरकार को असहज भी होना पड़ता था। हर आरोप पर सरकार को सफाई पेश करनी पड़ती थी।
- गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोर्ट के फैसले पर कहा, 'शुरुआत से यह बिल्कुल साफ मामला था। हम लगातार कह रहे थे कि कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
- इस सौदे में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुये सबसे पहले वकील मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद, एक और वकील विनीत ढांडा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस सौदे की जांच कराने का अनुरोध किया था। इस सौदे को लेकर आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी याचाकि दायर की थी। इसके बाद बीजेपी के दो पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी के साथ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एक अलग याचिका दायर की थी। अब सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमें ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली, जिससे लगे कि कमर्शियल तरीके से किसी खास कंपनी को लाभ दिया गया..."सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रक्रिया पर संदेह करने का अवसर नहीं है... कोई भी देश पूरी तैयारी के बिना रहने का खतरा नहीं उठा सकता... यह कोर्ट के लिए सही नहीं होगा, यदि वह अपील प्राधिकरण की तरह सभी पहलुओं की जांच करने बैठ जाए..."
- मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है। हमें 4th और 5th जनरेशन के विमानों की ज़रूरत है। जो हमारे पास नहीं है। विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया सही।हमने राष्ट्रीय सुरक्षा और सौदे के नियम कायदे दोनों को जजमेंट लिखते समय ध्यान में रखा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राफेल सौदे में कोर्ट के हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस सिलसिले में दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
- केंद्र ने सुनवाई में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और उसके फायदे के बारे में कोर्ट को सीलबंद दो लिफाफों में रिपोर्ट सौंपी थी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हमने राफेल की कीमत की जानकारी साझा कर दी है, लेकिन इसको रिव्यू करना एक्सपर्ट का काम है। इसको न्यायपालिका रिव्यू नहीं कर सकती है।
- केन्द्र सरकार ने फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे का पुरजोर बचाव किया और इनकी कीमत से संबंधित विवरण सार्वजनिक करने की मांग का विरोध किया। भारत ने करीब 58,000 करोड़ रुपये की कीमत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ समझौता किया है ताकि भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में सुधार किया जा सके। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि राफेल विमान की कीमतों के बारे में तभी चर्चा हो सकेगी जब वह फैसला कर लेगा कि क्या इन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की थी जब सरकार ने विमान सौदे की कीमतों के विवरण का सार्वजनिक रूप से खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा था कि इससे देश के दुश्मनों को लाभ मिल सकता है।
- राफ़ेल बनाने वाली कंपनी दसॉ के सीईओ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कंपनी ने रिलायंस के साथ अपनी मर्ज़ी से समझौता किया है, किसी दबाव में नहीं।ये भी जोड़ा कि 2012 से ही रिलायंस से उनकी बात चल रही थी। इस सौदे में रफ़ाल की क़ीमत कम हुई है। वहीं, कांग्रेस ने उनके इस बयान को रटा-रटाया इंटरव्यू बताया । जबकि बीजेपी ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की।
- राफेल डील और नोटबंदी पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में हो रही देरी को लेकर देश में अहम पदों पर काम कर चुके 60 रिटायर्ड अधिकारियों ने पिछले दिनों राष्ट्रपति से दखल देने की मांग करते हुए पत्र लिखा था। रिटायर्ड IAS अधिकारी एनसी सक्सेना ने कहा, “ राफेल डील को साइन किए हुए साढ़े तीन साल हो गए हैं, लेकिन कैग अभी तक ऑडिट नहीं कर पाया है।
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन आरोपों को बकवास बताया, जिनमें कहा जा रहा है कि राजग सरकार ने राफेल सौदा मामले में एचएएल को नजरअंदाज कर देश के युवाओं से नौकरियां छीनी हैं। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी को मजबूत करने का काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि एचएएल पर बोलने के लिये आप खड़े हुए। ये आप (कांग्रेस) ही हैं जिसने (एचएएल के लिये) कुछ नहीं किया और आप आरोप लगा रहे हैं कि हमने एचएएल को नजरअंदाज कर नौकरियां छीनी हैं।
- राफेल में सबसे पहले एमएल शर्मा नामक अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्हीं की याचिका पर 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों के भीतर राफेल सौदे की पूरी प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी। फिर कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में राफेल विमानों की कीमत भी मांगी थी। एमएल शर्मा इससे पहले मनमोहन सरकार में कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले का भी केस लड़ चुके हैं।
- फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान, 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सरकारों के स्तर पर समझौते के तहत भारत सरकार 36 राफेल विमान खरीदेगी। घोषणा के बाद, विपक्ष ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी के बिना कैसे इस सौदे को अंतिम रूप दिया। मोदी और तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद के बीच वार्ता के बाद 10 अप्रैल, 2015 को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि वे 36 राफेल जेटों की आपूर्ति के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करने पर सहमत हुए।
राफेल क्या है ?
राफेल कई भूमिकाएं निभाने वाला और दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।