रानी लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थी झलकारी बाई, देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी
By: Priyanka Maheshwari Thu, 16 Nov 2017 1:13:28
झलकारी बाई रानी की स्त्री सेना में सैनिक थी। वह रानी लक्ष्मीबाई की अन्तरंग सखी होने के साथ - साथ रानी की हमशक्ल भी थी। अपने प्राणों की परवाह किये बगैर जिस प्रकार उसने रानी की रक्षा की यह अपने में एक अद्भुत कहानी है। वह रानी के एक सेनानायक पूरन कोरी की पत्नी थी। रानी उसकी बुद्धिमत्ता एवं कार्यक्षमता से इतनी प्रभावित हुई की उन्होंने झलकारी बाई को शस्त्र संचालन तथा घुड़सवारी का प्रशिक्षण दिलाकर उसे सैन्य संचालन में दक्ष कर दिया।
झलकारी बाई रानी के प्रति पुर्णतः समर्पित थी। उनमे देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। जब रानी को किले से सुरक्षित निकालने की योजना बनाई गई तो झलकारी बाई ने रानी के वेश में युद्ध करने के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया। रंग रूप में रानी से समानता होने के कारण अंग्रेजो को भ्रमित करना आसान था। वे रानी की पोशाक पहन कर युद्ध करती हुई बाहर आ गई।
उनके रण - कौशल व् रंगरूप को देखकर अंग्रेज भ्रम में पड़ गये। उन्होंने वीरतापूर्वक अंग्रेजो का सामना किया और उन्हें युद्ध में उलझाए रही। इसी बीच रानी को बच निकलने का मौका मिल गया। दुर्भाग्य से एक गद्दार ने उन्हें पहचान लिया और अंग्रेज अधिकारी को सच्चाई बता दी। वास्तविकता जानकर अंग्रेज सैनिक रानी का पीछा करने निकल पड़े।
झलकारी बाई की सच्चाई जानकर एक अंग्रेज स्टुअर्ट बोला- क्या यह लड़की पागल हो गयी है ? एक दूसरे अधिकारी ह्यूरोज ने सिर हिला कर कहा- नहीं स्टुअर्ट, अगर भारत की एक प्रतिशत स्त्रियाँ भी इस लड़की की तरह देश – प्रेम में पागल हो जाएँ तो हमें अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति सहित यह देश छोड़ना पड़ेगा।
जनरल ह्यूरोज ने झलकारी बाई को बंदी बना लिया परन्तु एक सप्ताह बाद छोड़ दिया। अपनी मातृभूमि एवं महारानी लक्ष्मीबाई की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाली झलकारी बाई शौर्य और वीरता के कारण देशवासियों के लिए आदर्श बन गई।