जापान की इस कंपनी ने किया ऐलान, भारत को मुफ्त में मिलेगी बिजली
By: Priyanka Maheshwari Fri, 05 Oct 2018 00:34:03
सोलर पॉवर के यूज को बढ़ाने के लिए सरकार हर तरह की प्लानिंग कर रही है। हाल ही में सॉफ्टबैंक के सीईओ मसायोशी सन ने कहा वह भारत को फ्री में सोलर बिजली देने के लिए तैयार है। ग्रेटर नोएडा में आयोजित आईएसए समिट में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की प्रदर्शनी के दौरान मसायोशी सन ने कहा कि वह भारत समेत इंटरनेशनल सोलर एलायंस के सभी देशों को फ्री में बिजली देंगे, लेकिन यह सोलर पावर प्लांट की स्थापना के 25 साल बाद संभव हो पाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि सोलर पावर प्लांट की मियाद 80 साल की होती है। सन की इस घोषणा के बाद आईएसए के साथ कई देशों के आने की संभावना प्रबल हो गई है। मयायोशी ने कहा कि सोलर पावर प्लांट से उत्पादित बिजली की आपूर्ति के लिए बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ 25 साल के लिए होने वाले पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) की अवधि समाप्त होने के बाद वह फ्री में बिजली देंगे।
कई देशों के जुड़ने की संभावना
अभी 70 देशों ने आईएसए के साथ समझौता दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। माना जा रहा है कि सन की इस घोषणा के बाद जर्मनी, इटली, स्पेन नेपाल व अफगानिस्तान जैसे देश आईएसए से जुड़ सकते हैं। भारत के क्लीन एनर्जी प्रोग्राम से जुड़ने के लिए जापान के साफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन की ज्वाइंट वेंचर कंपनी एसबीजी क्लीनटेक, ताइवान की फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी और भारत की भारती इंटरप्राइजेज काफी सक्रिय दिख रही हैं। अगले चार साल में भारत में ग्रीन एनर्जी का कारोबार 80 अरब डॉलर के स्तर तक जा सकता है।
भारत में सोलर बिजली की लागत काफी कम
सन ने कहा कि भारत में सोलर बिजली की उत्पादन लागत अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। हाल ही में सोलर बिजली के लिए 2.44 रुपये प्रति यूनिट की दर से बोली लगाई गई है। सन की इस घोषणा से देश के क्लीन एनर्जी प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलने की संभावना जताई जा रही है। भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक देश में रिन्युएबल एनर्जी की क्षमता को 1.75 लाख मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इनमें एक लाख मेगावाट का योगदान सोलर का होगा।
नौकरी के साथ-साथ आप भी शुरू कर सकते है अपना सोलर बिज़नेस
दिल्ली सरकार ने घरेलू उपयोग में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए निर्णय लिया गया है कि उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने में किसी भी तरह के खर्च का वहन नहीं करना होगा ये खर्च सोलर पैनल लगाने वाली कंपनी ही उठाएगी। सरकार ने पिछले साल देश भर में 50 हजार युवाओं को फ्री में ट्रेनिंग देकर उन्हें ‘सूर्य मित्र’ बनाने का टारगेट रखा था, इसमें से लगभग 18 हजार सूर्य मित्र बन चुके हैं। मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) ने सूर्य मित्र की ट्रेनिंग दिलवाती है। आप नौकरी के साथ-साथ इस बिज़नेस में शामिल होकर कमाई कर सकते हैं। ट्रेनिंग लेने के बाद युवा अपना सोलर बिजनेस शुरू कर सकते हैं।सरकार का सोलर चैनल पार्टनर भी बन सकते हैं। युवाओं को सोलर सिस्टम के मेंटेनेंस, ऑपरेशन और इंस्टॉलेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी। देश में सोलर प्लांट लगा रही व पैनल मैनयुफैक्चरिंग कर रही देशी विदेशी कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। अगर आप भी सोलर सेक्टर में जॉब और बिजनेस की संभावनाएं तलाश रहे हैं, तो आपके लिए यह अच्छा मौका हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सोलर बिज़नेस शुरू कर कमाई कर सकते हैं।
क्या है सूर्य मित्र प्रोग्राम
सोलर सेक्टर में स्किल्ड वर्क फोर्स उपलब्ध कराने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी की स्पोंसरशिप के तहत सूर्य मित्र स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) ने यह प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसके लिए एनआईएसई द्वारा हर साल देश भर मेंं ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को अधिकृत किया जाता है, जो इस पूरे कोर्स की ट्रेनिंग देते हैं।
इसके लिए योग्यता
अगर आप दसवीं पास हैं और इलेक्ट्रिशियन, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक, फिटर, शीट मैटल में आईटीआई किया हुआ है। आपकी उम्र 18 साल से अधिक हो तो आप एनआईएसई द्वारा अधिकृत सेंटर में आवेदन कर सकते हैं। ट्रेनी के सेलेक्शन के वक्त उन युवाओं को प्रमुखता दी जाएगी, जो रूरल बेकग्राउंड से हों, बेरोजगार हो, महिलाएं हों या एससी-एसटी से संबंधित हों। इस प्रोग्राम की खासियत यह है कि इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को अयोग्य मानते हुए प्रवेश नहीं दिया जाता।
कितने दिन का होता है प्रोग्राम
यह पूरी तरह से फ्री रेजीडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जहां रहना और खाना भी फ्री होगा। यह 600 घंटे का ट्रेनिंग प्रोग्राम है। ट्रेनिंग के बाद आवेदकों का मूल्यांकन भी किया जाएगा। अंत में एनआईएसई की ओर से सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।