पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से 40 मीटर ऊंची होगी ये प्रतिमा, 2021 तक बनकर होगी तैयार
By: Priyanka Maheshwari Thu, 01 Nov 2018 1:50:05
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के पहले गृहमंत्री रहे सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। सरदार पटेल की इस प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया है। सुतार ने अपने 40 साल के करियर में 50 से अधिक प्रतिमाओं को आकार दिया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को बनाने में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 182 मीटर ऊंची इस मूर्ति में 1,40,000 क्यूबिक मीटर्स कॉनक्रिट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 2000 टन ब्रॉन्ज़ शीट्स और 18,500 टन रॉड्स का भी इस्तेमाल किया गया है। करीब तीन हज़ार मजदूरों ने 33 महीनों में ये प्रतिमा बनाई है। बेशक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा हो लेकिन आने वाले तीन साल में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से भी ऊंची एक प्रतिमा तैयार हो चुकी होगी। ये प्रतिमा पटेल की प्रतिमा से करीब 40 मीटर ऊंची होगी। ये छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा होगी। जिसकी आधारशिला दो साल पहले ही रखी जा चुकी है।
शिवाजी की प्रतिमा, 210 मीटर होगी उचाई
मुंबई के पास अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाई जाएगी। ये 210 मीटर ऊंची होगी। इसका निर्माण 3600 करोड़ की लागत से होगा। शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दिसंबर 2016 में रखी गई।
इसका निर्माण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के नजदीक समुद्र में तट से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर होगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की ये प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जाएगी। तब पटेल की प्रतिमा नंबर दो पर आ जाएगी।
इस स्मारक के लिए बनने वाला आधार 77 मीटर होगा। इसी आधार पर घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी की मूर्ति होगी। पूरे स्मारक को 13 हेक्टेयर में फैले चट्टानों पर बनाया जाने वाला है। इस स्मारक स्थल पर एमपी थिएटर, लाइब्रेरी, फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा। इसकी जानकारी देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर दी थी।'
स्टैच्यू की ऊंचाऊ 126 मीटर होगी और इसका आधार 84 मीटर का बनाया जाएगा। इसका बनना कुल जमा 130,000 स्क्वायर मीटर में तय किया गया है। 2021 में तैयार होने की उम्मीद है। शरुआत में इसके बनने की कुल लागात 4000 करोड़ आंकी गई थी, पर फिर इसका कॉन्ट्रेक्ट 2500 करोड़ में दिया गया।
ये कॉन्ट्रेक्स Larsen and Toubro Ltd को दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने इंजीनियरिंग कंपनी को ये लेटर 1 मार्च 2018 को दिया। सरकार ने कहा, प्रतिमा में लगने वाला सारा पैसा पब्लिक मनी से जाएगा।
पहले क्या आंकी थी लागत
इंजीनियरिंग कंपनी L&T ने सभी टेक्नीकल और फाइनेंनशियल एस्पेक्ट्स को फाइनल कर दिया है। हालांकि इसके पहले राउंड का खर्च 3,826 करोड़ आंका गया था, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से मोल-भाव के बाद इसे GST के अलावा 2500 करोड़ में फाइनल किया गया।
ये प्रतिमा साउथ मुंबई में मालाबार हिल्स के करीब अरब सागर के बीच बनेगी। प्रोजेक्ट की कीमत सामने आमने के बाद ये भी चर्चा थी कि आठ साल पहले इसकी लागत महज 260 करोड़ आंकी गई थी, पर क्यों? महाराष्ट्र सरकार ने इच्छा जाहिर की वे इस प्रतिमा को चीन में 2008 में पूरी हुई बुद्धा की मूर्ती से ज्यादा ऊंचा बनाना चाहते हैं।
कहां तक पहुंचा कंस्ट्रक्शन
प्रतीमा का निर्माण अक्टूबर में शुरू होना तय किया गया। प्रोजेक्ट की देख रेख करने वाली कमेटी ने कहा कि जलबंधक (jetties) इत्यादी का काम इससे पहले शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए चार जलबंधक बनाने तय किए गए। जिसमें से एक गेटवे ऑफ इंडिया, दूसरा गोरई, तीसरा नवी मुंबई और चौथा NCPA पर होगा। इस चारों रास्तों से ही मेटेरियल साइट तक जाएगा।
बुद्ध का ये मंदिर भी है ऊंचा
'स्प्रिंग टेंपल ऑफ बुद्धा' चीन में है। इसकी कुल ऊंचाई 208 मीटर है। ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इस स्टैच्यू में बुद्धा की मूर्ति की ऊंचाई तो 128 मीटर है। लेकिन इसके आधार की ऊंचाई को मिलाकर ये 208 मीटर बैठती है। ये मूर्ति 180 किलो सोने, 3300 किलो कॉपर और 15000 किलो स्टील से बनी है।