हर बच्चे का बचपन शिक्षा के साथ व्यतीत होना चाहिए जो कि उनका अधिकार हैं। लेकिन कई लोग बच्चों को बाल मजदूरी की ओर धकेल देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें 19 बच्चों को बिहार से दिल्ली लेकर जाया जा रहा था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (ATU) ने उन बच्चों को बचाया और सात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में केस दर्ज कराया गया हैं। बच्चों को चाइल्ड लाइन को सौंपकर पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है। एएचटीयू प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि बच्चों को लालच देकर दिल्ली ले जाया जा रहा था। सभी को मदरसे में पढ़ाने की बात कही गई थी। बस में नौ अन्य बच्चे भी मिले, जिनके अभिभावक साथ थे।
जानकारी के मुताबिक, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्रा को बिहार के अररिया से बच्चों को दिल्ली ले जाने की सूचना मिली थी। इसी आधार पर टीम जगदीशपुर कोनी मोड़ पर पहुंच गई थी। एएचटीयू प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने इसकी सूचना जगदीशपुर चौकी इंचार्ज संजय सिंह को दी थी। जिसके बाद बस को रोककर बच्चों को मुक्त कराया गया। एएचटीयू के प्रभारी ने बताया कि ट्रेन में सख्ती बढ़ने के बाद अब बच्चों को बसों से ले जाया जाने लगा है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। सूचना मिलने पर बसों की चेकिंग कराई गई तो 19 बच्चे मिले।
बच्चों को ले जाने वाले मोहम्मद हाशिम निवासी डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार, मोहम्मद जाहिद निवासी डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार, इस्तयाक निवासी गरगद्दी, अररिपया, बिहार, शमशाद निवासी गुरमही, सिमराहा, अररिया, बिहार, मुर्शीद निवासी डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार, मारूफ निवासी जोकीहाट, अररिया, बिहार, नूर हसन निवासी आमगच्छी, सिकटी, अररिया, बिहार, साहिद निवासी गुरमही, सिमराहा, अररिया, बिहार, हसीब निवासी आमागाछी, सिकटी, अररिया, बिहार को गिरफ्तार कर कैंट थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है।