पायलट को कुछ दिन की राहत, हाईकोर्ट का निर्देश- विधायकों को भेजे गए नोटिस पर 21 जुलाई तक ना लें कोई एक्शन
By: Pinki Fri, 17 July 2020 5:40:03
राजस्थान में सियासी लड़ाई जारी है। सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की ओर से दायर की गई याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच शुक्रवार को सुनवाई की। वहीं अब इस मामले में सचिन पायलट को थोड़ी राहत मिली है। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच के सामने कांग्रेस विधायकों की ओर से हरीश साल्वे ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि नोटिस पर मंगलवार शाम 5 बजे तक विधानसभा स्पीकर कोई कोई एक्शन ना लें। कोर्ट अब सोमवार यानी 20 जुलाई को इस पर सुनवाई करेगी।
राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की ओर से दायर की गई याचिका पर अब सोमवार को सुबह 10 बजे से फिर से सुनवाई होगी। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 जुलाई तक नोटिस पर रोक लगा दी है। रोक लगाने के साथ ही अब 21 जुलाई तक स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। पहले यह माना जा रहा था कि स्पीकर जल्द अयोग्यता पर फैसला सुना सकते हैं। क्योंकि, कांग्रेस विधायकों से शाम तक जवाब मांगा गया था। हाईकोर्ट में कांग्रेस विधायकों ने अपनी याचिका में स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है।
इससे पहले आज बहस करते हुए हरीश साल्वे ने सचिन पायलट की तरफ से कहा कि मैं सरकार को गिरा रहा हूं या किसी भी लिमिट को क्रॉस कर कोई पाप कर रहा हूं तो समझ में आता है कि मैं गलत कर रहा हूं। मगर मैं जब आवाज उठा रहा हूं तो यह हमारे फ्रीडम ऑफ स्पीच का पाठ है जो आर्टिकल 19 के तहत मुझे मिला है। साल्वे ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान का हिस्सा है। इसलिए इस नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए। हरीश साल्वे की ओर से कोर्ट में कहा गया कि अगर कोई विधायक अपने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैए के खिलाफ बोलता है, अपनी सेंट्रल लीडरशिप को जगाता है तो यह उसका फ्रीडम ऑफ स्पीच है, यह बगावत नहीं है।
बता दे, राजस्थान में कांग्रेस के घमासान के बीच भाजपा में भी दो गुट दिखाई दे रहे हैं। इस चर्चा को हवा तब मिली, जब भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, 'वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में उनके करीबी विधायकों से फोन करके गहलोत का साथ देने की बात कही है। सीकर और नागौर जिले के एक-एक जाट विधायकों को वसुंधरा ने खुद बात करके पायलट से दूरी बनाने को कहा है। इसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास हैं।' वसुंधरा राजे को बुधवार को पार्टी मीटिंग के लिए जयपुर आना था, लेकिन वे नहीं पहुंचीं। इससे भाजपा में भी गुटबाजी होती दिख रही है।
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